भुवनेश्वर: ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक का पसंदीदा‘डकोटा'प्लेन भुवनेश्वर पहुंच गया है। बुधवार सुबह इसने बालेश्वर जिले के जलेश्वर लक्ष्मणनाथ टोल गेट को पार किया। विमान को तीन बड़े लॉरियों में लाया जा रहा है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से भुवनेश्वर लाए जाने की प्रक्रिया मंगलवार रात से शुरू हुई। दिवंगत बीजू बाबू के इस ऐतिहासिक प्लेन की एक झलक पाने के लिए जगह-जगह लोगों की भीड़ देखने को मिली।
डकोटा एक सैन्य परिवहन प्लेन है। ओडिशा के वाणिज्य व परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि डकोटा प्लेन लगभग 64 फुट, 8 इंच लंबा है और इसके पंख 95 फुट तक फैले हुए हैं। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने 1.1 एकड़ जमीन आवंटित की है, जहां डकोटा विमान को जनता के देखने के लिए रखा जाएगा।
इससे पहले 10 सदस्यीय टीम ने पिछले 12 दिनों में डकोटा के पार्ट्स को अलग-अलग किया और इसे लकड़ी के बॉक्स में पैक किया।
इसे कोलकाता से विशेष पेट्रोलिंग वैन के जरिए भुवनेश्वर एयरपोर्ट लाया जा रहा है, ताकि बड़ी लॉरियों की वजह से ट्रैफिक की समस्या न हो। इसके लिए बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर जिला पुलिस सहित कमिश्नरेट पुलिस को पुख्ता इंतजाम करने को कहा गया है।
बीजू पटनायक ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पिता थे। इतिहासकार अनिल धीर ने कहा कि एक समाज सुधारक और राजनीतिज्ञ होने के अलावा, बीजू पटनायक एक कुशल पायलट थे, जिन्होंने उच्च जोखिम वाले अभियानों को अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि बीजू पटनायक ने विमान के जरिये गुप्त रूप से भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया था।
अनिल धीर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने 1947 में इंडोनेशिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुतन सजहरिर को सुरक्षित निकालने के लिए इस प्लेन का इस्तेमाल किया था। इंडोनेशिया ने सुतन सजहरिर को बचाने के लिए दो बार बीजू पटनायक को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भूमिपुत्र' से सम्मानिकत किया गया था। सक्रिय राजनीति में आने से पहले बीजू पटनायक ने कलिंग एयरलाइंस की स्थापना की थी जो कलकत्ता से संचालित होती थी। वह ब्रिटिश शासन के तहत रॉयल इंडियन एयर फोर्स के सदस्य भी थे।