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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे और आज रविवार को उनके द्वारा संभल का दौरा है। न्यायिक जांच आयोग की टीम लगभग 11 बजे संभल पहुंचेगी, यह जांच आयोग चार बिंदुओं पर जांच करेगा।

दो महीने के भीतर अपनी जांच पूरी करने का निर्देश

मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि "आयोग के दो सदस्य शनिवार को मुरादाबाद पहुंचे। तीसरे सदस्य रविवार को संभल जाते समय उनसे मिलकर अपना योगदान देंगे।" आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, "जांच समिति अपना काम करेगी, वही तय करेगी कि क्या करना है, हमें बस उनकी सहायता करनी है। सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जिस स्थान पर वे जाएंगे वहां सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। उसके बाद वे अगली प्रक्रिया तय करेंगे। जांच समिति के अनुरूप ही हम व्यवस्थाएं करेंगे। संभल की स्थिति पर निगरानी की जा रही है।"

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित जामा मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा पर जमकर सियासत हो रही है। समाजवादी पार्टी का कहना है कि वह मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। समाजवादी पार्टी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज संभल जाना चाह रहा है, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी है।

संभल में डीएम के आदेश पर धारा-163 लगा दी गई है। कई सपा नेताओं के घरों के बाहर पुलिस के जवान तैनात कर दिये गए हैं। इस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर यूपी में प्रशासन के मुद्दे पर नाकाम रहने का आरोप लगाया है। अखिलेश ने एक सोशल मीडिया पोस्‍ट कर यूपी प्रशासन पर हमला बोला है।

सपा ने सरकार से मृतकों के परिजनों को 25 लाख देने की अपील की

समाजवादी पार्टी ने यूपी के संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे का एलान किया है। पार्टी का कहना है कि वह मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी।

नई दिल्ली: संभल हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम निर्देश देते हुए निचली अदालत से संभल जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई न करने को कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की भी हिदायत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा है और कहा कि अब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही कोई कार्रवाई हो सकेगी।

संभल मस्जिद समिति ने दायर की थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका

दरअसल मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर कर मस्जिद का सर्वे कराने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि वह उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कुछ अहम निर्देश दिए, जिनके मुताबिक निचली अदालत को इस मामले पर सुनवाई करने से 8 जनवरी तक रोक दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत के फैसले से उन्हें कुछ आपत्तियां हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय द्वारा किए जाने का निर्देश दिया है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के खिलाफ मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। मस्जिद कमेटी की मांग पर कल सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजीव कुमार की बेंच सुनवाई करेगी।

मस्जिद कमेटी ने अपनी याचिका में कहा, 19 नवंबर को मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका संभल कोर्ट में दाखिल हुई। उसी दिन सिविल जज, सीनियर डिवीजन ने मामले को सुना और बिना मस्जिद कमेटी का पक्ष सुने सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर दिया। एडवोकेट कमिश्नर सर्वे के लिए 19 नवंबर की शाम पहुंच भी गए। 24 नवंबर को फिर सर्वे हुआ। जिस तेजी से सारी चीजें हुईं, उससे लोगों में शक फैल गया और वे अपने घर से बाहर निकल आए। भीड़ के उग्र हो जाने के बाद पुलिस फायरिंग हुई और 6 लोगों की मौत हो गई।

याचिका में दावा किया गया है कि शाही जामा मस्जिद 16वीं सदी से वहां है। इतनी पुरानी धार्मिक इमारत के सर्वे का आदेश प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट और प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल कानून के खिलाफ है।

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