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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल (कौएद) का विलय जल्द बहाल होने की अटकलों के बीच कौएद के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी ने आज पूर्व में दोनों पार्टियों के विलय के सूत्रधार रहे वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात की। विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने आये अंसारी ने विधानमण्डल परिसर में संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र के कुछ मामलों को लेकर लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। मउ से विधायक अंसारी ने बताया कि उन्होंने मउ में बिजली की समस्या, बुनकरों से जुड़ी दिक्कतों और गाजीपुर जिले में गंगा की बाढ़ की समस्या पर बातचीत की। यह पूछे जाने पर कि क्या इस बैठक में कौएद के सपा में विलय बहाल किये जाने के बारे में भी बातचीत हुई, उन्होंने कहा कि विलय के बारे में कोई बातचीत नहीं हुई। अंसारी ने इतना जरूर कहा कि अब कौएद का सपा में विलय के पक्ष में नहीं हूँ। बहरहाल, गठबंधन की सम्भावना बनी हुई है। हालांकि इस बारे में कोई भी फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ही लेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी साम्प्रदायिक ताकतों को पराजित करना चाहती है। उसके लिये सोच-समझकर निर्णय लिया जाएगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की नौकरशाही को असहज करने वाला बयान देते हुए मंगलवार को कहा कि सूबे के कुछ अधिकारी दूसरी पार्टियों से मिले हैं और वे सरकार की योजनाओं में बाधा पैदा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने क्रेडाई और पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इण्डस्ट्री द्वारा आयोजित ‘इंफ्रास्ट्रक्चर मीट’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि जहां तक डायल 100 का सवाल है। हम तो इसे लाना चाहते हैं। हमें अच्छे अधिकारी भी मिले हैं और कुछ खराब भी मिले, लेकिन मैं जानता हूं हमारे कुछ अधिकारी दूसरी पार्टियों से मिले हैं। वे नहीं चाहते कि 100 नम्बर आये। उन्होंने कहा कि अगर 100 नम्बर आ गया तो पुलिस 10 मिनट में मौके पर पहुंच जाएगी, और यह व्यवस्था देश के सामने उदाहरण बनेगी। उसमें भी वे अधिकारी अडंगा लगा रहे हैं, हमने उसका भी रास्ता निकाल लिया है। क्योंकि हमारे पास बहुत शानदार मुख्य सचिव हैं। वह भी देखेंगे कि 100 नम्बर की फाइल कौन लोग रोके हुए हैं। अगर मुख्यमंत्री उनके सामने खड़े हो जाएंगे तो वह कोई भी फाइल क्लीयर कर देंगे। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने वाली भाजपा पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि वह (भाजपा) कानून-व्यवस्था पर बहस करना चाहते हैं। पहले अपने राज्यों को देखें। सीमा पर आप कितना कमजोर दिख रहे हैं।

लखनऊ: कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिये एकजुट हुए समूचे विपक्ष ने आज उत्तर प्रदेश विधानसभा में जोरदार हंगामा किया। नतीजतन विधानसभा अध्यक्ष को मार्शल बुलाकर उन्हें बाहर कराना पड़ा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी बसपा के साथ-साथ भाजपा, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और अपना दल के सदस्य बैनर और तख्तियां लेकर सदन के बीचों-बीच आकर हंगामा करने लगे। बसपा सदस्यों ने दलितों पर अत्याचार नहीं चलेगा, नहीं चलेगा और कुछ अन्य नारे लिखी टोपियां पहनी थीं। वहीं, भाजपा ने कानून-व्यवस्था, बिजली और महिला सुरक्षा के मुद्दों को नारेबाजी के जरिये उठाया। रालोद सदस्यों ने भी गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं होने का मुद्दा उठाया। वहीं पीस पार्टी सदस्य अयूब अंसारी आदित्यनाथ के गुंडों को गिरफ्तार करो का नारा लिखा बैनर लिये देखे गये। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय ने शोरगुल कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा नहीं थमा। संसदीय कार्य मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि सदन के बीचोबीच आकर हंगामा कर रहे विधायकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये। ये सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के सदन में आने और कार्यवाही शुरू होने से पहले ही सदन के बीचोंबीच आकर उसकी अवमानना कर रहे हैं। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने कहा वे (विपक्षी सदस्य) चीजों को साम्प्रदायिक रंग देकर प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं। बसपा के सदस्य तो मीडिया में सस्ती लोकप्रियता पाने के लिये यह सब कर रहे हैं। यही वजह है कि वे हमें बैनर दिखाने के बजाय मीडिया को दिखा रहे हैं।

नई दिल्ली: बसपा से दो बार सांसद रह चुके ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गये। पाठक ने उत्तरप्रदेश में भाजपा के विकास के एजेंडा में आस्था व्यक्त की जहां अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। कल (रविवार) ही आगरा में बसपा प्रमुख मायावती की रैली में पाठक मौजूद थे। पाठक यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। पाठक का राज्य के हरदोई-उन्नाव क्षेत्र में काफी प्रभाव माना जाता है। शर्मा ने कहा कि पाठक के भाजपा में शामिल होने से उसे ब्राह्मण वोटों को एकजुट करने में मदद मिलेगी। जब पाठक भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं, उसी समय बसपा ने उन्हें अपनी पार्टी से निष्काषित कर दिया। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य एवं कुछ अन्य नेताओं से विपरीत पाठक ने भाजपा में शामिल होने के बाद मायावती पर तीखा प्रहार नहीं किया और सिर्फ इतना कहा कि राज्य में भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी का बोलबाला है। उधर लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पूर्व सांसद बृजेश पाठक का बसपा से निकाल दिया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बृजेश पाठक को पार्टी से निकाल दिया गया है। काफी समय से वह पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम कर रहे थे। बताया जाता है कि पार्टी में ब्राह्मण भाईचारा कमेटी में पर्याप्त जगह नहीं मिलने से वह उपेक्षित महसूस कर रहे थे।

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