नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। इसमें भगदड़ को लेकर रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है। जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात की गई है। बता दें कि इस भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। जबकि कई घायल हुए हैं।
वीआईपी मूवमेंट सीमित रखने सहित की गईं कई मांगें
एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि यह सुनिश्चित की जाए कि वीआईपी आवाजाही से आम श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। वहीं, महाकुंभ में श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अधिकतम स्थान प्रदान किया जाए।
जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को 29 जनवरी को हुई महाकुंभ 2025 भगदड़ की घटना पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देने की भी मांग की गई। वहीं, इस भगदड़ के लिए जो अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनपर कार्रवाई करने की मांग की गई है।
यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता आज चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
याचिका में कुंभ मेला क्षेत्र में सभी राज्यों के सुविधा सेंटर खोलने की मांग की गई है, जिससे गैर हिन्दी भाषी लोगों को सुविधा मिल सके। याचिका में मांग की गई है कि ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट सीमित किया जाए और ज्यादा से ज्यादा स्पेस आम आदमी के लिए रखा जाए।
याचिका में बड़े धार्मिक आयोजनों में भगदड़ से बचने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए देश की प्रमुख भाषाओं में डिस्पले बोर्ड लगाने, मोबाइल, व्हाट्सएप पर राज्यों द्वारा अपने तीर्थयात्रियों को जानकारी दिए जाने की मांग की गई है।
कैस मची थी भगदड़?
मौनी अमावस्या के मौके पर संगम क्षेत्र में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ बढ़ गई थी। भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोग सो रहे श्रद्धालुओं पर बैरिकेडिंग तोड़कर चढ़ गए। घटना और लगातार भीड़ बढ़ने के बाद, प्रशासन ने अखाड़ों से अपने अनुष्ठान स्नान को अस्थायी रूप से स्थगित करने का अनुरोध किया।