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महाकुंभ हादसा:अस्पतालों के बाहर खड़े परिजनों को नहीं दिया जा रहे शव

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी को एक विद्यार्थी के साथ कथित रूप से अप्राकृतिक यौनाचार करने को लेकर आज गिरफ्तार किया गया। वैसे पुलिस को संदेह है कि यह दोनों के बीच पैसे के लेन-देन का नतीजा हो सकता है। पुलिस के अनुसार विश्वविद्यालय के एक विद्यार्थी ने 16 अगस्त को लंका थाने में भादसं की धारा 377 के तहत एक प्रयोगशाला सहायक एवं पांच अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया कि इन लोगों ने 13 अगस्त की रात को उसके साथ अप्राकृतिक यौनाचार किया। विद्यार्थी ने आरोप लगाया कि जब वह अपने लॉज में लौट रहा था तब इन लोगों ने उसे कोई नशीला पदार्थ पिलाया और फिर उसके साथ यौनाचार किया। बाद में उन्होंने उन्हें बेहोशी की दशा में एक सुनसान स्थान पर फेंक दिया। एसएसपी आकाश कुलहारी ने बताया कि आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं और प्रारंभिक जांच से यह दोनों पक्षों के बीच पैसे का विवाद लगता है। लंका थाने के प्रभारी संजीव मिश्रा के अनुसार दो बार मेडिकल परीक्षण कराए जाने के बाद भी यौन उत्पीड़न की बात साबित नहीं हुई। कुल्हारी के अनुसा हालांकि पूछताछ से यह सामने आया कि इस विद्यार्थी एवं प्रयोगशाला सहायक के बीच कथित रूप से संबंध थे।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानपुर के हैलट अस्पताल में चिकित्सकों की कथित लापरवाही की वजह से एक बच्चे की मृत्यु के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। गौर हो कि पिता अपने बीमार बेटे को कंधे पर लिए अस्‍पताल के एक से दूसरे विभाग में दौड़ता रहा और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने कानपुर मेडिकल कालेज स्थित हैलट अस्पताल में चिकित्सकों की असंवेदनशीलता के कारण बुखार से पीड़ित 12 वर्षीय अंशु की मृत्यु के मामले को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर चंद्रसेन सिंह को मंगलवार देर रात निलम्बित कर दिया। अखिलेश ने कहा है कि प्रदेश सरकार जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कटिबद्घ है और मरीजों के इलाज में शिथिलता बरतने वाले संवेदनहीन चिकित्सकों को बख्शा नहीं जाएगा। गत 28 अगस्त को सुनील कुमार नामक व्यक्ति अपने 12 वर्षीय बेटे अंशु को बुखार से पीड़ित होने पर जेवीएसएम मेडिकल कालेज स्थित हैलट अस्पताल लाया था। उसका आरोप है कि चिकित्सकों ने इलाज करने के बजाय उसे एक विभाग से दूसरे विभाग में भेजा। वह बेटे को कंधे पर लिये एक से दूसरे विभाग में दौड़ता रहा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सपा के घोषणापत्र में आम जनता को मोबाइल फोन देने का वायदा शामिल करने का स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि आने वाले वक्त में जनता को मोबाइल देना पड़े तो वह उस दिशा में भी सोचेंगे। अखिलेश ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में ‘वोडाफोन’ की 4-जी सेवा की औपचारिक शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटाप बांटे हैं। 'आने वाले समय में ऐसा भी हो सकता है कि हम ऐसा फैसला लें कि आम लोग जो गरीब हैं, उनकी सहूलियत के लिए उन्हें सरकार की तरफ से कुछ देना पड़े। आम जनता को मोबाइल देना पड़े तो समाजवादी लोग उस दिशा में भी सोचेंगे। यह हमारे घोषणापत्र में भी हो सकता है।' उन्होंने कहा कि लोग सपा के घोषणापत्र का इंतजार कर रहे हैं। बाकी घोषणापत्र ऐसे होते हैं, जिनमें कहा तो जाता है, लेकिन किया कुछ नहीं जाता, लेकिन समाजवादी लोग कुछ ऐसा सोचेंगे कि आने वाली पीढ़ी या लोगों को ऐसा कुछ मिले, जिससे वे सरकार से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा सूचना और उन्हें जो उम्मीदें हैं, उन्हें साझा कर सकें।

इलाहाबाद: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने आज दावा किया कि ‘टैंकर घोटाला’ राजनीति से प्रेरित षड्यंत्र है जिसका मकसद उत्तर प्रदेश में उनके चुनाव प्रचार अभियान को नुकसान पहुंचाना है जहां कांग्रेस ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कथित टैंकर घोटाला राजनीति से प्रेरित साजिश है। वक्त को देखते हुए यह साफ है। मामला ऐसे समय उठाया गया है जब मैं उत्तर प्रदेश में पार्टी के प्रचार में व्यस्त हूं।’’ टैंकर घोटाला दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में दीक्षित के कार्यकाल के दौरान दिल्ली जल बोर्ड द्वारा खरीदे गये स्टेनलेस स्टील के पानी के टैंकरों की खरीद में कथित अनियमितताओं से संबंधित हैं। दीक्षित ने कहा, ‘‘कथित अनियमितताओं पर शोर मचा रही आम आदमी पार्टी भी नहीं कह सकती कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता किया गया था क्योंकि मेरे कार्यकाल में खरीदे गये सभी टैंकर इस्तेमाल में लाये जा रहे हैं।’’ उत्तर प्रदेश में पार्टी की प्रचार अभियान समिति के प्रमुख संजय सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा विधायक रीता बहुगुणा जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ दीक्षित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थीं।

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