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महाकुंभ हादसा:अस्पतालों के बाहर खड़े परिजनों को नहीं दिया जा रहे शव

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नूपुर तलवार को तीन हफ्तों के लिए पैरोल पर रिहा करने का सोमवार को आदेश दिया जो अपनी किशोरी पुत्री आरूषि और घरेलू सहायक हेमराज की हत्या के मामले में पति राजेश तलवार के साथ उम्रकैद की सजा काट रही हैं। न्यायमूर्ति बी के नारायण और न्यायमूर्ति ए के मिश्रा की खंडपीठ ने नूपुर को तीन हफ्तों के लिए रिहा करने का आदेश दिया। नूपुर ने अपनी याचिका में अदालत से पैरोल का अनुरोध करते हुए कहा था कि उनकी मां गंभीर रूप से बीमार हैं और उनके सभी भाई-बहन देश से बाहर हैं। अदालत ने पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया ताकि अपने भाई-बहनों के स्वदेश लौटने तक नूपुर अपनी बीमार मां की देखभाल कर सकें। नूपुर और राजेश तलवार नोएडा के प्रसिद्ध दंत चिकित्सक थे और नवंबर 2013 में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी थी।

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर मात्र प्रचार के प्रति आसक्त होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि अक्सर अपने बयानों में विरोधाभासी आंकड़े देने वाले मोदी को तथ्यों की जानकारी नहीं रहती। सिंह ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री ने हाल में सहारनपुर में अपनी रैली के दौरान कहा कि किसानों का 700 करोड़ रपये गन्ना मूल्य बकाया रह गया है। खबरों में आया कि 700 नहीं बल्कि पांच हजार करोड़ रपये बकाया है। फिर मोदी स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से कहते हैं कि उन्होंने किसानों के बकाया का 99 प्रतिशत मूल्य अदा करवा दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी को आंकड़ों के बारे में पता ही नहीं रहता। वह किसानों का क्या भला करेंगे। मोदी को प्रचार बहुत अच्छा लगता है। उनके चुनावी वादे तो जुमले मात्र बनकर रह गये। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी और अपराध चरम पर है। यह खुद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव स्वीकार कर रहे हैं। सवाल यह है कि इस स्थिति के लिये जिम्मेदार कौन है। दरअसल हालात सुधारने की किसी की मंशा ही नहीं है। पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री ने प्रदेश में विकराल हुई बाढ़ के लिये भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि बांधों के रखरखाव के लिये आबंटित धनराशि को जिम्मेदार लोग हड़प कर गये।

नोएडा: जनहित मोर्चा और नोएडा की कई रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (आरडब्ल्यूए) के सदस्यों ने दिल्ली-नोएडा-दिल्ली फ्लाइवे-एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स खत्म करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया और गाड़ियों की नि:शुल्क आवाजाही के लिए एक्सप्रेसवे को खोल दिया। भाजपा नेता और जनहित मोर्चा के संस्थापक नवाब सिंह नागर की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोस के उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाइवे-एक्सप्रेसवे को टोल मुक्त बनाने की मांग को लेकर कल अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू किया। पूर्व विधायक नागर ने कहा कि उन्होंने टोल प्लाजा को खुलवा दिया और निशुल्क गाड़ियों को गुजरने की इजाजत दी। उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य डीएनडी को टोल मुक्त बनाना है।’ प्रदर्शन का समर्थन करने वाले एनजीओ मानव सेवा समिति के यू भारद्वाज ने कहा, ‘डीएनडी को टोल फ्री बनाए जाने तक हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।’ मांग पर डीएनडी फ्लाइवे प्रबंधन ने कहा कि उनके पास टोल संचालन के लिए 30 साल का समझौता है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मंत्री और वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता आजम खान का एक और बयान राज्य सरकार के लिए मुसीबत बन गया। बुलंदशहर सामूहिक रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की टिप्पणियों के लिए यूपी सरकार को जोरदार फटकार लगाई। कोर्ट ने इसी के साथ मामले की सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले राज्य से बाहर सुनवाई की अपील पर फैसला लेगा।कोर्ट ने कहा, क्या प्रशासनिक स्तर पर बैठा या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति ये कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं। जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना ना हो। क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वो निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी। क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है।आजम खान के बयान और केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने आजम खान के मुद्दे पर वरिष्ठ वकील फली नरीमन को एमिक्स क्यूरी बनाया है।पीड़िता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।

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