नई दिल्ली: बसपा से दो बार सांसद रह चुके ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गये। पाठक ने उत्तरप्रदेश में भाजपा के विकास के एजेंडा में आस्था व्यक्त की जहां अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। कल (रविवार) ही आगरा में बसपा प्रमुख मायावती की रैली में पाठक मौजूद थे। पाठक यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हुए। पाठक का राज्य के हरदोई-उन्नाव क्षेत्र में काफी प्रभाव माना जाता है। शर्मा ने कहा कि पाठक के भाजपा में शामिल होने से उसे ब्राह्मण वोटों को एकजुट करने में मदद मिलेगी। जब पाठक भाजपा मुख्यालय में पार्टी में शामिल होने की औपचारिकता पूरी कर रहे हैं, उसी समय बसपा ने उन्हें अपनी पार्टी से निष्काषित कर दिया। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य एवं कुछ अन्य नेताओं से विपरीत पाठक ने भाजपा में शामिल होने के बाद मायावती पर तीखा प्रहार नहीं किया और सिर्फ इतना कहा कि राज्य में भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी का बोलबाला है। उधर लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पूर्व सांसद बृजेश पाठक का बसपा से निकाल दिया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बृजेश पाठक को पार्टी से निकाल दिया गया है। काफी समय से वह पार्टी की नीतियों के खिलाफ काम कर रहे थे। बताया जाता है कि पार्टी में ब्राह्मण भाईचारा कमेटी में पर्याप्त जगह नहीं मिलने से वह उपेक्षित महसूस कर रहे थे।
वह बसपा में महत्वपूर्ण ब्राह्मण नेता समझे जाते थे। वह उन्नाव से 2004 में सांसद चुने गए थे और 2008 में राज्यसभा सदस्य थे। इससे पहले उनके सगे बड़े भाई को ढाई महीने पहले बसपा से निकाला जा चुका है। वहीं उनके साले व पूर्व एमएलसी गुड्डू त्रिपाठी को भी लगभग दो महीने पहले बसपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। पाठक इससे भी असंतुष्ट थे। गौरतलब है कि इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्या आरके चौधरी समेत कई बड़े नेता बसपा छोड़ चुके हैं।