लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की नौकरशाही को असहज करने वाला बयान देते हुए मंगलवार को कहा कि सूबे के कुछ अधिकारी दूसरी पार्टियों से मिले हैं और वे सरकार की योजनाओं में बाधा पैदा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने क्रेडाई और पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इण्डस्ट्री द्वारा आयोजित ‘इंफ्रास्ट्रक्चर मीट’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि जहां तक डायल 100 का सवाल है। हम तो इसे लाना चाहते हैं। हमें अच्छे अधिकारी भी मिले हैं और कुछ खराब भी मिले, लेकिन मैं जानता हूं हमारे कुछ अधिकारी दूसरी पार्टियों से मिले हैं। वे नहीं चाहते कि 100 नम्बर आये। उन्होंने कहा कि अगर 100 नम्बर आ गया तो पुलिस 10 मिनट में मौके पर पहुंच जाएगी, और यह व्यवस्था देश के सामने उदाहरण बनेगी। उसमें भी वे अधिकारी अडंगा लगा रहे हैं, हमने उसका भी रास्ता निकाल लिया है। क्योंकि हमारे पास बहुत शानदार मुख्य सचिव हैं। वह भी देखेंगे कि 100 नम्बर की फाइल कौन लोग रोके हुए हैं। अगर मुख्यमंत्री उनके सामने खड़े हो जाएंगे तो वह कोई भी फाइल क्लीयर कर देंगे। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने वाली भाजपा पर हमला करते हुए अखिलेश ने कहा कि वह (भाजपा) कानून-व्यवस्था पर बहस करना चाहते हैं। पहले अपने राज्यों को देखें। सीमा पर आप कितना कमजोर दिख रहे हैं।
मैं मिल्रिटी स्कूल में पढ़ा हूं। मेरे साथ पढ़ने वाले लोग सेना में सीमाओं पर है। सीमाओं पर क्या हाल है यह देश जानता है। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि आपने अखबारों में एक आरोप बहुत पढ़ा होगा कि उत्तर प्रदेश में पांच-साढ़े पांच मुख्यमंत्री हैं। हम कहते हैं कि भाजपा वालों आप अपना एक ही (मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार) ढूंढ लाओ। फिर मैदान में तय होगा कि कौन आगे है और कौन पीछे, यह प्रदेश की जनता तय करेगी। अखिलेश ने कहा कि हम तो नये मुख्यमंत्री हैं। हमने तो अंडर ट्रेनिंग रहकर इतना काम कर दिया है। आने वाले समय में मौका मिलेगा तो साचिये और कितना काम करेंगे। हम और पारदर्शिता से काम करेंगे। तब हम पर कोई उंगली भी नहीं उठा सकेगा। हम काम के आधार पर जनता के बीच जाना चाहते हैं, लेकिन दूसरी पार्टियां चीजों को दूसरी दिशा में ले जाना चाहती हैं। उन्होंने भाजपा पर हमले जारी रखते हुए कहा कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और भाजपा यात्राएं निकाल रही है। सबने 15 अगस्त को झंडा फहराया था। भाजपा के लोग जाने कब तक झंडा फहराएंगे। हम इसके खिलाफ नहीं है, लेकिन ये लोग देश को किस तरफ ले जाना चाहते हैं। अच्छे दिन की कोई परिभाषा हो तो बताएं।