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लखनऊ: यूपी में कोरोना से शनिवार को एक दिन में सबसे अधिक 10 लोगों की मौत हो गई। अकेले आगरा में ही पांच मरीजों ने दम तोड़ दिया। मेरठ में दो तथा अलीगढ़, ललितपुर और नोएडा में एक-एक व्यक्ति की जान चली गई। प्रदेश में कोरोना के 163 नए मरीज सामने आए हैं। इनमें आगरा के ही 37 मरीज हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3,373 तक पहुंच गई है। प्रदेश में कोरोना से प्रभावित 71 जिले हैं। शनिवार को हमीरपुर, ललितपुर और फर्रुखाबाद तीन जिले भी कोरोना संक्रमण के चपेट में आ गए।

शनिवार को प्रदेश में 112 मरीज ठीक होकर घर चले गए। अब तक 1,499 मरीज ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं। प्रदेश भर में कोरोना से अब तक 76 लोगों की मौत हो चुकी हैं। इनमें से 21 आगरा के थे। मेरठ दूसरे नंबर पर है जहां 12 मौतें हुई हैं। मुरादाबाद में सात, कानपुर में छह, मथुरा में चार, फिरोजाबाद में चार और अलीगढ़ में तीन की मौत हो चुकी है। झांसी, नोएडा और गाजियाबाद में दो-दो मौतें हुई हैं। लखनऊ, ललितपुर, अमरोहा, वाराणसी, बस्ती, बुलंदशहर,श्रावस्ती, बरेली, कानपुर देहात, मैनपुरी, बिजनौर, एटा और प्रयागराज में एक-एक मौत हुई है।

लखनऊ: श्रमिकों की वापसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार उनको रोजगार देने की कार्ययोजना बनाने में भी जुटी है। संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है। आने वाले दिनों में दूसरे प्रदेशों से लौटे हुनरमंद और कर्मठ श्रमिकों के बूते उत्तर प्रदेश रेडिमेड गारमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, गो आधारित उत्पाद, फूलों की खेती और फूलों से बनने वाले सह उत्पादों का हब बन सकता है। इस बाबत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया जा चुका है।

अपने श्रमिकों को ससम्मान सुरक्षित वापसी करने वाला पहला राज्य है यूपी 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी देश का पहला राज्य है जिसने दूसरे प्रदेशों में रह रहे अपने श्रमिकों एवं कामगारों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी की शुरुआत की। मार्च के अंतिम हफ्ते से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से शुरू यह सिलसिला जारी है। अब तक विभिन्न राज्यों से ट्रेनों और बसों के जरिए करीब आठ लाख श्रमिक लाए जा चुके हैं। उम्मीद है कि कुल 20 लाख प्रवासी इस दौरान अपने घरों को लौटेंगे। 

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना संकट का इस्तेमाल में भाजपा सरकार अपने और आरएसएस के पूंजीपति घरानों को संरक्षण देने और गरीब, दलित, पिछड़ों तथा समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की जिंदगी में और ज्यादा परेशानियां पैदा करने पर उतारू हो गई है। भाजपा ने मंहगाई बढ़ाने का कुचक्र तो रचा ही है मजदूरों के शोषण के लिए भी रास्ते खोल दिए हैं। भाजपा सरकार के इन जनविरोधी हरकतों से जनता में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने यहां जारी एक बयान में कहा, उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश के द्वारा मजदूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम कानून के अधिकांश प्रावधानों को 3 साल के लिए स्थगित कर दिया है। यह बेहद आपत्तिजनक और अमानवीय है। विस्थापन और बेरोजगारी के शिकार श्रमिकों को अब पूरी तरह उनके मालिकों की शर्तों पर काम करने के लिए विवश किये जाने की यह साजिश है। भाजपा को गरीब की नहीं पूंजीपति के हितों को बचाने की चिंता है। श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली भाजपा सरकार को तुरन्त त्यागपत्र दे देना चाहिए।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में 1992 राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा गिराए जाने की घटना से संबंधित मुकदमे की सुनवाई पूरी करने के लिए शुक्रवार को विशेष अदालत का कार्यकाल तीन महीने बढ़ा दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 31 अगस्त तक फैसला सुनाया जाना चाहिए। इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित कई वरिष्ठ नेता आरोपी हैं। शीर्ष अदालत ने विशेष न्यायाधीश एस के यादव से कहा कि वे अदालत की कार्यवाही को कानून के अनुसार नियंत्रित करें ताकि इसकी सुनवाई निर्धारित समय के भीतर पूरी की जा सके।

न्यायमूति आर एफ नरिमन और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष अदालत में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही पूरी करने के लिये नयी समय सीमा निर्धारित की । पीठ ने विशेष न्यायाधीश से कहा कि वह साक्ष्य कलमबंद करने और मुकदमे की सुनवाई के दौरान दायर आवेदनों पर सुनवाई पूरी करने के लिए वीडियो कांफ्रेन्स सुविधा का उपयोग करें।

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