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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह सुनिश्चित करें कि प्रवासी मजदूर पैदल यात्रा कर प्रदेश वापस न लौटें। सीएम के निर्देशों के बीच कुछ मजदूर इस तपती धूप में परिवार के साथ पैदल यात्रा करते हुए नजर आए। ऐसी ही यात्रा करते 172 मजदूरों को बुलंदशहर में रोका गया। दिल्ली और नोएडा से जा रहे मजदूरों को यूपी पुलिस ने रोककर एक स्थानीय कॉलेज में ठहराया है। पुलिस के अनुसार इन मजदूरों के लिए बस का इंतजाम किया जा रहा है। बसों के जरिए इन्हें इनके गृह जनपदों तक पहुंचाया जाएगा। अधिकारियों ने साफ किया उत्तर प्रदेश सरकार कई राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित वापस लाने के काम में जुटी हुई है।

सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वापस आये सभी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए और जो टीम इन मजदूरों की जांच कर रही है उन्हें भी 14 दिनों के लिए क्वारेंनटाइन किया जाए और 14 दिनों बाद जब सभी स्वस्थ हो जाएं तो ही उन्हें घर भेजा जाए।

सीएम योगी के अनुसार सभी जनपदों में इन्फ्रा-रेड थर्मामीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि प्रवासी श्रमिकों की आसानी से जांच की जा सके। प्रवासी श्रमिकों और कामगारों की जांच करते हुए स्वस्थ लोगों को घर पर ही 14 दिन के लिए पृथकवास में रखने के लिए भेजा जाए और जो स्वस्थ न हों उनकी उपचार की व्यवस्था की जाए।

बता दें कि कोरोना के चलते हुए देश भर में जारी लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूरों पर रोजी रोटी का संकट टूट पड़ा है। राज्य सरकारों के तमाम दावों के बीच भारी संख्या में मजदूर पैदल मीलों का सफर तय कर रहे हैं, हालांकि श्रामिकों के लिए ट्रेन चलाई गई है लेकिन फिर भी कई मजदूर इस योजना का फायदा नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में अब मजदूरों को रास्तों पर रोककर उनके घरों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

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