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प्रयागराज: यूपी के गाजीपुर समेत तीन जिलों की मस्जिदों में अज़ान पर रोक के मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाज़ीपुर, हाथरस और फर्रुखाबाद के डीएम के आदेश को रद्द करते हुए मस्जिदों से अजान की अनुमति दी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मस्जिदों में अजान से कोविड-19 की गाइडलाइन का कोई उल्लंघन नहीं होता। कोर्ट ने अजान को धार्मिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ बताया। हालांकि लाउडस्पीकर से अजान की अनुमति नहीं दी गई है।

कोर्ट ने कहा कि सिर्फ उन्हीं मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो सकता है, जिन्होंने इसकी लिखित अनुमति ले रखी हो। जिन मस्जिदों के पास अनुमति नहीं है, वह लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए आवेदन कर सकते हैं। लाउडस्पीकर की अनुमति वाली मस्जिदों में भी ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा। बता दें गाजीपुर के डीएम ने लॉकडाउन के दौरान मस्जिदों से अजान पर मौखिक रोक लगाई थी जिसके खिलाफ बीएसपी सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पंजाब और उत्तर प्रदेश को उस मामले में नोटिस जारी किया है, जिसमें राजमार्ग पर एक प्रवासी महिला एक सूटकेस को खींच रही है और इस पर लगभग आधा लटका हुआ उसका बच्चा सो रहा है।आपको बता दें कि वायरल वीडियो में एक महिला अपने मासूम बेटे को ट्राली वाले सूटकेस पर लिटाकर खींचते हुए ले जा रही है। महिला के साथ कई अन्य लोग भी पैदल जा रहे हैं। श्रमिकों का यह दल पंजाब से पैदल चलकर आया। ये सभी झांसी और आसपास के जिलों के रहने वाले हैं। ये श्रमिक बुधवार को आगरा पहुंचे थे।

इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि पैदल चलते-चलते जब मासूम थक जाता है तो उसकी मां ने उसे ट्राली वाले सूटकेस पर लिटा दिया। इसके बाद मां ने कई किलोमीटर तक सूटकेस को खींचकर सफर तय किया। बुधवार को ये श्रमिक आगरा पहुंचे। सूटकेस पर लेटे मासूम को देखकर लोगों ने महिला से पूछा तो उसने बताया कि वो पंजाब से ऐसे ही सफर तय करके आई है। उसे झांसी तक जाना है। 

आगरा: लॉकडाउन में घर जाने के लिए पैदल निकले मजदूरों की कई मार्मिक तस्वीरें और वीडियों वायरल हो रहे हैं। किसी में कोई अपने बच्चे को गोद में लिया है तो कोई मां को पीठ पर लाद कर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रह है। सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के बाद किसी के पैर में छाले पड़ गए हैं तो कोई भूख और प्यास से बिलबिला रहा है। कोई अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल ना हो पाने से परेशान है तो कोई बेटी की शादी की तारिख आगे बढ़ने से चिंतित है। इन्हीं सब के बीच एक वीडियो आगरा से वायरल हुआ। उसमें एक मां अपने बच्चे को सूटकेस पर बैठाकर खींचते हुए ले जाती हुई दिख रही है।

दरअसल पंजाब से महोबा जाने के लिए मजदूरों का एक ग्रुप पैदल निकला। रास्ते में एक बच्चा थक गया तो उसकी मां ने उसे सूटकेस पर बैठाया और सूटकेस को खीचते हुए चलने लगी। इसका वीडियो वायरल हुआ तो बात आगरा के जिलाधिकारी पीएन सिंह तक भी पहुंची। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। एक टीवी चैनल को दिए बयान में उन्होंने कहा कि जब हम लोग छोटे थे तो हम भी पिता जी की अटैची पर बैठ जाते थे।

लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे(आईजीआई) से नोएडा और गाजियाबाद जाने वालों के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन कॉर्पोरेशन (यूपीएसआरटीसी) गाड़ियों का इंतजाम करेगा, लेकिन इसकी भारी भरकम कीमत लोगों को चुकानी पड़ेगी। आईजीआई हवाई अड्डे से 250 किलोमीटर की दूरी तक यूपी में कहीं भी जाना हो तो आपको टैक्सी किराया 10 हजार रुपये तक देना पड़ सकता है। लॉकडाउन के दौरान जब लोग विशेष फ्लाइटों और ट्रेनों से दिल्ली पहुंच रहे हैं और अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशान हो रहे हैं ऐसे में यूपीएसआरटीसी सेडान टैक्सी लेने पर 10 हजार लेगी और एसयूवी लेने पर 12 हजार तक वसूलेगी। अगर आपकी यात्रा 250 किमी. से अधिक होती है तो आपको अतिरिक्त पैसे देने होंगे।

अगर आप इतना पैसा नहीं खर्च कर सकते तो आपको बसें भी आपके गंतव्य तक छोड़ देंगी लेकिन उसके लिए भी आपको जेब ढीली करनी पड़ेगी। 100 किलोमीटर तक नॉन-एसी बस में यात्रा के लिए आपको प्रति सीट के 1000 रुपये और एसी बस के 1320 रुपये देने होंगे।

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