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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को प्रधानमंत्री द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा कि पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा इस पर कोई कैसे ऐतबार करेगा। अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, “पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा। अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार। ऐ बाबू, कोई भला कैसे करे ऐतबार। अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं, बल्कि ये पूछ रहे हैं कि उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं।”

इससे पहले उन्होंने लिखा, “ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं, पर ये नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए। जिन गरीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद, संकट के समय में भी उन गरीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। ये सबका विश्वास के नारे के साथ विश्वासघात है।” इसके अलावा उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि “देश के मजदूर-गरीब अपनी विपदाओं के लिए प्रबंध की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्हें सुनने को मिला केवल निरर्थक निबंध।

क्या आधे घंटे से भी ज्यादा समय में सड़कों पर भटकते मजदूरों के लिए एक-आध शब्द की संवेदना की भी गुंजाइश नहीं थी, हर कोई सोचे। असंवेदनशील-दुभार्ग्यपूर्ण!”

इससे पहले एक बयान जारी करके सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के अदूरदर्शी निर्णयों और कामकाज में नियोजन तथा समन्वय के अभाव से कोराना संकट के दौर में समस्याएं कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। सम्पन्न लोगों के लिए ट्रेन सुविधा और गरीबों को मंझधार में छोड़ देने की भाजपाई रीतिनीति के चलते लोगों में असंतोष और आक्रोश बढ़ रहा है। मदद तो दूर अब गरीबों और श्रमिकों के प्रति सरकार का रवैया भी अपमान जनक होता जा रहा है। हर दिन रास्तों में जान गंवाने वालों और अस्पतालों में र्दुव्यवहार की शिकार महिलाओं के प्रति सरकार संवेदनशून्य हो गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, पीड़ित श्रमिक-कामगार यह समझ गया है कि सरकार के पास न इलाज न दवा, ऐसी सरकार पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। भाजपा सरकार हर मुद्दे पर विफल हैं। सरकार की ना कोई नीति है और ना साफ नियत। चारो तरफ घोर अराजकता है।

उन्होंने कहा, प्रतापगढ़ में प्रवासी मजदूरों को बस में बैठाते समय उनसे अभद्र व्यवहार एवं लात मारने से मानवता शर्मसार। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। थके हारे, निराश एवं हताशा से लथपथ श्रमिकों का सम्मान नहीं कर सकते तो कृपया अपमान तो रोके सरकार। दोषी कर्मियों पर हो सख्त कार्यवाही।

यादव ने कहा, आगरा मथुरा की सीमा में प्रवेश करने वाले आम नागरिकों और वाहन चालकों से रैपुरा चौकी पर पुलिस के द्वारा आवागमन के नाम पर धड़ल्ले से अवैध वसूली किए जाने की खब़रें मिल रही हैं। यहां से गुजरने वाले ट्रेक्टर से लेकर सब्जी लाने वाले तक को नहीं छोड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा, गरीब इलाज के लिए तरस रहा है। कहां बैठी है सीएम-टीम 11? अलीगढ़ मेडिकल कालेज के बाहर तड़पती रही कोरोना पाॅजिटिव। आगरा जिला महिला अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने पर गर्भवती को गोद में ले जाने को मजबूर। बरेली में 3 म हीने से घायल  महिला को इलाज नहीं, एसएसपी से लगाई गुहार।

सपा अध्यक्ष ने कहा, भाजपा सरकार श्रमिकों के हित की बात तो बहुत करती है लेकिन तीन वर्ष के लिए श्रमिकों के अधिकार स्थगित करना क्या संवैधानिक है? दूसरे राज्यों से घर वापसी करते हुए रास्ते में सैकड़ों की मौत हो चुकी है, बीमार है, भूखे है। सरकार क्या कर रही है? जनता कफ्र्यू से ताली-थाली बजाओं, लाॅकडाउन फिर लाॅकडाउन तीन बार लाॅकडाउन, दो गज की दूरी और घर में रहे नतीजा-सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। अब तो जनता ही कोरोना से दो-दो हाथ कर इस संक्रमण को मात देगी।

 

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