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लखनऊ: लखनऊ में एक साथ तीन हत्‍याओं से सनसनी फैल गई है। यह वारदात निगोहां के उदयपुर गांव की है जहां एक कमरे में खून से लथपथ बुजुर्ग दम्‍पत्ति की लाश मिली तो वहीं 50 मीटर की दूरी पर बंद पड़े बाइक शो-रूम में एक गार्ड का भी शव मिला है। गार्ड की गर्दन पर चोट के निशान पाए गए हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम की मदद ली है। तीनों शवों को पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि हत्‍या देर रात की गई है। मारे गए दम्‍पत्ति की पहचान 75 वर्षीय सनेही साहू और उनकी 70 वर्षीय पत्‍नी रामजानकी देवी के रूप में हुई है। सनेही साहू मूलरूप से राती गांव के रहने वाले थे। 

पड़ोसियों के मुताबिक करीब 12 साल पहले वह उदयपुर गांव में आकर रहने लगे थे। उन्‍होंने हाइवे किनारे के इस गांव में अपना मकान बना लिया था। पुलिस के मुताबिक बुधवार रात किसी ने उनकी गला रेतकर हत्या कर दी। दम्‍पत्ति का खून से लथपथ शव कमरे में पड़ा मिला। गुरुवार दोपहर गांववालों की नज़र उन पर पड़ी। उन्‍होंने तत्‍काल पुलिस को सूचना दी।

आजमगढ़: आजमगढ़ में दलित प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या पर अब सियासत गरमा गई है। प्रधान के परिजनों को सांत्वना देने जा रहे महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नितिन राउत को पुलिस ने आज़मगढ़ के गौरा बादशाहपुर बॉर्डर पर रोका वो वह सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। नितिन राउत दलित कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।  नितिन राउत के साथ पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, राष्ट्रीय प्रभारी प्रदीप नरवाल भी सड़क पर धरने पर बैठे। 

इससे पहले अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन कांग्रेस नेता पीएल पुनिया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भी आज़मगढ़ ज़िला प्रशासन ने सर्किट हाउस में ही नज़रबन्द कर दिया। बुधवार देर रात सर्किट हाउस पहुंचे दोनों नेताओ के निकलने के पहले ही समूचे परिसर को छवनी में तब्दील कर दिया गया था।

लल्लू गुरुवार की सुबह निकलने के लिए गेट पर पहुंचे तो उन्हें नहीं जाने दिया गया। इस पर लल्लू का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। वह दरोगा से ही भिड़ गए। उन्होंने कहा कि देश में आपातकाल है क्या? लल्लू ने दरोगा से कहा कि गुंडागर्दी है? क्यों नहीं जाने देंगे।

लखनऊ: उप्र विधानसभा का गुरुवार से शुरू होने वाला सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। इस बीच गुरुवार सुबह समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया। अखिलेश यादव ने लिखा कि ये सत्र कई मायनों में ऐतिहासिक होगा। सरकार को कोरोना, बेकारी-बेरोज़गारी, जातीय उत्पीड़न और बदहाल क़ानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विपक्ष के साथ अपने लोगों के सवालों का भी जवाब देना होगा। भाजपा सरकार की ठोको-नीति सुलह के स्थान पर ‘आंतरिक कलह’ का कारण बन गई है।

गौरतलब है कि सपा ने सदन में सरकार को घेरने को लेकर काफी तैयारी की है। रणनीति बनाने के लिए गुरुवार की सुबह भी विधानसभा स्थित पार्टी विधानमंडल दल के सपा कार्यालय में बैठक बुलाई गई। बसपा ने भी अपने सदस्यों को सदन की रणनीति के बारे में जानकारी दी है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल सपा ने सत्र शुरू होने से पहले विधानभवन परिसर में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सपा सदस्यों ने बढ़ते अपराध, कोरोना संक्रमण से निपटने में सरकार के कामकाज और आजम खां की रिहाई के सवाल पर खूब नारेबाजी की। सपा के तीखे तेवर से साफ है कि वह  इन मुद्दों को जोरदार तरीके से सदन में उठाएगी। कांग्रेस व बसपा ने भी सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। अब सदन में शुक्रवार को इन सब मामलो में जोरदार हंगामे के आसार हैं। 

मानसून सत्र शुरू होने से पहले समाजवादी पार्टी के कई  विधायक और विधान परिषद सदस्य गुरुवार को साढ़े नौ बजे विधानभवन परिसर पहुंच गए और वहां चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। वह सब हाथों में पोस्टर बैनर लिए थे जिन पर जिन पर , कोरोना की आड़ में लूटपाट करे सरकार, यूपी में जंगल राज, चरम पर है भ्रष्टाचार, पढ़ा लिखा नौजवान कब तक घर बैठे बेरोजगार, यूपी में सरकार नहीं गुंडों का राज है व आजम खां को रिहा करो आदि नारे लगा रहे  थे।

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