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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने संभल में किसान नेताओं को नोटिस जारी कर निजी मुचलका भरने के प्रशासनिक फरमान को लेकर उत्‍तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए कहा कि उप्र की भाजपा सरकार प्रदर्शनकारी किसानों पर प्रति किसान 50-50 लाख रुपये के मुआवजे के मुकदमे कर रही है जबकि उच्‍चतम न्‍यायालय किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को वैधानिक मान्‍यता दे चुका है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा जैसी जन विरोधी सरकार आज तक नहीं आई।

उल्‍लेखनीय है कि संभल में कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस की रिपोर्ट पर प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। संभल के एसडीएम दीपेंद्र यादव ने बृहस्पतिवार को कहा था कि हमें हयात नगर थाने से रिपोर्ट मिली थी कि कुछ लोग किसानों को उकसा रहे हैं और इससे शांति भंग होने की आशंका है। प्रत्येक से 50 लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद किया जाये। एसडीएम ने कहा कि किसानों ने कहा कि यह बहुत ज्यादा है फिर दोबारा थानाध्यक्ष ने दूसरी रिपोर्ट दी जिसमें इन लोगों को 50-50 हजार रुपये के मुचलके से पाबंद किया गया।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप और यातना के मामले में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया। मामले में जांच कर रही सीबीआई ने शुक्रवार को हाथरस में एक अदालत के सामने चार्जशीट दाखिल की। आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि सीबीआई ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है। वकील ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं।

14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में कथित रूप से गैंगरेप और प्रताड़ना की शिकार हुई 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। 30 सितंबर को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में देर रात उसका अंतिम संस्कार हाथरस में कर दिया गया। कहा जा रहा था कि पुलिस ने बिना परिवार की इजाजत लिए मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया था। इसे लेकर पुलिस को काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि "परिवार की इच्छा के अनुसार" अंतिम संस्कार किया गया था।

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले में किसान आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों को नोाटिस भेजे जा रहे हैं। संभल के उपजिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने छह किसानों को 50 हजार तक का मुचलका भरने के लिए नोटिस भेजे गए हैं। पहले इन किसानों को 50 लाख के नोटिस भेजे गए थे, लेकिन अब इस नोटिस को संशोधित कर दिया गया है। इस नोटिस में कहा गया है कि 'किसान गांव-गांव जाकर किसानों को भड़का रहे हैं और अफ़वाह फ़ैला रहे हैं जिससे कानून व्यवस्था ख़राब हो सकती है।'

नोटिस में इन किसानों से जवाब मांगा गया है कि किसानों पर 1 साल तक शांति बनाए रखने के 50 लाख रूपए का मुचलका क्यों न लगाया जाए। ये नोटिस धारा 111 के तहत 12 और 13 दिसंबर को भेजे गए हैं। नोटिस में लिखा है किसान, किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, जिससे क़ानून व्यवस्था भंग होने की संभावना है। ये किसान, किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसान संगठनों के सदस्य हैं। 

एसडीएम दीपेंद्र यादव ने गुरुवार को कहा, 'हमें हयात नगर पुलिस थाने से रिपोर्ट मिली थी कि कुछ व्यक्ति किसानों को उकसा रहे हैं और इससे शांति भंग होने की आशंका है।' 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण विपक्ष को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसलिए वो कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों से आंदोलन करवा रहा है। भाजपा किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए जगह-जगह किसान रैली कर रही है। उसी सिलसिले में आज बरेली की किसान रैली में योगी आदित्यनाथ ने ये बात कही।

बरेली की किसान रैली में योगी आदित्यनाथ ने किसानों के सामने सरकार का नजरिया पेश किया। उन्होंने कहा,  "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया है जो विपक्ष को बर्दाश्त नहीं है। इसलिए वो किसानों को गुमराह कर आंदोलन करवा रहा है।" 

सीएम योगी ने रैली के दौरान अपने संबोधन में कहा, "मैं पूछना चाहता हूं....आप बताएं कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनना चाहिए या नहीं बनना चाहिए? मोदी जी ने ये काम ठीक किया? आप समर्थन करते हैं? एक बार बोलिए....जय श्रीराम...।"

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