लखनऊ: राजधानी लखनऊ में रविवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राणा सांगा पर दिए राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के विवादित बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा नेता औरंगजेब पर चर्चा करने के लिए इतिहास को पलट सकते हैं, तो रामजीलाल ने भी इतिहास के एक पन्ने का जिक्र किया है। दरअसल सांसद ने 21 मार्च को राज्यसभा में बोलते हुए राणा सांगा को 'देशद्रोही' करार दिया था। कहा था कि हिंदू उनके वंशज हैं।
भाजपा ने रामजीलाल सुमन के बयान का विरोध किया। अब अखिलेश यादव उनके बयान के समर्थन में उतरे हैं। इस पर भाजपा ने अखिलेश को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह पूरे हिंदू समुदाय का अपमान है। सपा मुखिया पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया। कहा कि उनकी टिप्पणी समाजवादी पार्टी की 'हिंदू विरोधी' मानसिकता को दर्शाती है।
रामजीलाल सुमन ने संसद में कहा था कि अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदू गद्दार राणा सांगा के वंशज होने चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं। लेकिन, राणा सांगा की आलोचना क्यों नहीं करते?
हंगामे के बाद सुमन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सूर्यवंशी राजपूतों के सिसोदिया वंश के राणा सांगा 1508 से 1528 तक मेवाड़ के शासक थे। हर कोई इतिहास के पन्नों को पलट रहा है। भाजपा नेताओं से पूछिए कि वे कौन से पन्ने पलट रहे हैं। वे किस बारे में बहस कर रहे हैं? वे औरंगजेब के बारे में बात करना चाहते हैं।
रामजीलाल के बयान पर हंगामा हुआ तो अखिलेश यादव ने उनका बचाव किया। कहा कि अगर, रामजीलाल ने इतिहास के किसी ऐसे पन्ने का जिक्र किया है, जिसमें कुछ तथ्य हैं, तो फिर मुद्दा क्या है? हमने 200 साल पहले इतिहास नहीं लिखा था। यह टिप्पणी भाजपा नेताओं और हिंदू संगठनों द्वारा मुगल सम्राट औरंगजेब के महिमामंडन के प्रयासों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में आई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि उसने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे।
भाजपा ऐतिहासिक घटनाओं को चुनिंदा तरीके से नहीं खोदे: अखिलेश
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा ऐतिहासिक घटनाओं को चुनिंदा तरीके से नहीं खोदे। अगर, भाजपा इतिहास को पलटना जारी रखती है, तो लोग यह भी याद रखेंगे कि छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक के दौरान किसी ने हाथ से उनका अभिषेक नहीं किया था। ऐसा कहा जाता है कि उनका अभिषेक बाएं पैर के अंगूठे से किया गया था। क्या भाजपा आज इसकी निंदा करेगी?