ताज़ा खबरें
संभाजीनगर में ढकी गई औरंगजेब की कब्र, सैलानी नहीं देख सकेंगे मकबरा
बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़, एक जवान शहीद, 22 नक्सली ढेर

बंगलूरू: एलन मस्क की कंपनी एक्स कॉर्प ने कर्नाटक हाईकोर्ट में भारत सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है। उन्होंने भारत सरकार के आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(बी) पर सवाल उठाए हैं।

कंपनी का कहना है कि यह नियम एक गैरकानूनी और अनियमित सेंसरशिप सिस्टम बनाता है, जिसके तहत कंटेंट को ब्लॉक कर प्लेटफॉर्म के संचालन को प्रभावित किया जा रहा है।

'भारत सरकार ने नहीं किया नियमों का इस्तेमाल'

इस धारा में बताया गया है कि किन परिस्थितियों में सरकार को इंटरनेट के कंटेंट को ब्लॉक करने का अधिकार होता है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कंपनी ने कहा है, "कंटेंट हटाने के लिए लिखित में कारण बताना आवश्यक है और फैसला लेने से पहले उचित सुनवाई की व्यवस्था करनी होती है। इसे कानूनी रूप से चुनौती देने का अधिकार भी होना चाहिए।" सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ने कहा है कि भारत सरकार ने इन सब में से किसी भी नियम का इस्तेमाल नहीं किया है।

याचिका में कहा गया है कि सरकार धारा 79(3)(बी) की गलत व्याख्या कर रही है और ऐसे आदेश दे रही है, जो धारा 69ए के नियमों का पालन नहीं करते। इस धारा में बताया गया है कि सरकार किन परिस्थितियों में इंटरनेट के कंटेंट को ब्लॉक कर सकती है। कंपनी ने 2015 के श्रेया सिंघल केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया है।

ग्रोक एआई को लेकर भारत ने पूछा सवाल

यह मामला ऐसे समय में हुआ है जब केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक्स कॉर्प से उसके एआई चैटबॉट ग्रोक को लेकर सवाल पूछे हैं। ग्रोक कई सवालों के जवाब में गालियों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसे लेकर भारत सरकार ने कंपनी से स्पष्ट जवाब मांगा है। इससे पहले साल 2022 में कंपनी को धारा 69ए के तहत कंटेंट हटाने का आदेश दिया गया था।

 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख