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पीलीभीत: छात्रों से प्रसिद्ध कवि इकबाल का गीत 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' गवाने के कारण पिछले सप्ताह निलंबित किए गए पीलीभीत में सरकारी प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक फुरकान अली को चेतावनी देकर बहाल कर दिया गया है और उनका स्थानांतरण दूसरे स्कूल में कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप ने कहा कि फुरकान हालांकि एक शिक्षक के रूप में काम करेंगे ना कि प्रधानाध्यापक के रूप में। अली के दिव्यांग होने की जानकारी मिलने के बाद मानवता के आधार पर उन्हें उसी क्षेत्र में दूसरे स्कूल में तैनात कर दिया गया है।

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा, “फुरकाल अली को अंतिम और सख्त चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। उनसे कहा गया है कि वह विभागीय कानूनों का पालन करें और वरिष्ठ अधिकारियों के निदेर्शन में अपनी ड्यूटी करें।” फुरकान अली को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की शिकायत पर निलंबित किया गया था जिसमें कहा गया था कि प्रधानाध्यापक छात्रों को, जिनमें अधिकतर बहुसंख्यक समुदाय के बच्चे हैं, जबरन प्रार्थना 'लब पे आती है दुआ' गवाते हैं। विहिप के अनुसार, यह प्रार्थना आम तौर पर मदरसों में गाई जाती है।

 

विहिप और बजरंग दल की शिकायत पर निलंबित

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल की स्थानीय इकाई की शिकायत पर निलंबित कर दिया गया। संगठनों का आरोप है कि छात्र सुबह की प्रार्थना में 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' गीत गा रहे थे। कविता 'लब पे आती है दुआ' को अल्लामा इकबाल के नाम से प्रसिद्ध मोहम्मद इकबाल ने 1902 में लिखी थी। इकबाल ने ही इस प्रसिद्ध पंक्ति 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' को लिखा है।

विहिप की शिकायत की ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) उपेंद्र कुमार ने जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि स्कूल में बच्चे सुबह की सभा में अक्सर यही कविता गाते थे। पीलीभीत के जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानाध्यापक को इसलिए निलंबित किया गया है क्योंकि वह छात्रों से राष्ट्रगान नहीं करवाता था। उन्होंने कहा, 'प्रधानाध्यापक अगर छात्रों को कोई अन्य कविता पढ़ाना चाहते थे, तो उन्हें अनुमति लेनी चाहिए। अगर वह छात्रों से कोई कविता गान कराते हैं और राष्ट्रगान नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ आरोप बनता है।'

निलंबित शिक्षक फुरकान अली (45) ने हालांकि आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा, 'छात्र लगातार राष्ट्रगान करते हैं और इकबाल की कविता कक्षा एक से आठ तक उदूर् पाठ्यक्रम का हिस्सा है। विहिप और हिंदू युवा वाहिनी कार्यकतार्ओं ने मुझे निकालने की मांग करते हुए स्कूल और कलेक्टरेट के बाहर विरोध किया। मैंने सिर्फ वह कविता गाई है जो सरकारी स्कूल के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। मेरे छात्र भी प्रतिदिन सभा के दौरान 'भारत माता की जय' जैसे देशभक्ति के नारे लगाते हैं।'

पीलीभीत के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) देवेंद्र स्वरूप ने हालांकि कहा कि विहिप और बजरंग दल के सदस्यों की शिकायत इसके खिलाफ नहीं है कि राष्ट्रगान होता है या नहीं, बल्कि उसने इकबाल की कविता का विरोध किया गया है। विहिप के जिला प्रमुख अंबरीश मिश्रा ने कहा कि उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल में मदरसा की कविता को गाए जाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा, 'सरकारी स्कूल में अलग-अलग प्रार्थनाएं गाने के लिए हमने प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए को लिखित शिकायत की है।'

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