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वाराणसी: गृहमंत्री अमित शाह आज बनारस पहुंच गए। उन्होंने बीएचयू भारत अध्ययन केंद्र के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया। स्वतंत्रता भवन में होने वाले कार्यक्रम में स्कंदगुप्त विक्रमादित्य के जीवन से जुड़े बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारतीय इतिहास के पुनर्लेखन की जरूरत है। इसके लिए हमें ही आगे आना होगा। इसमें इतिहासकारों की बड़ी भूमिका है। अगर हम अब तक अपने इतिहास की दोबारा समीक्षा नहीं कर सके तो यह हमारी कमजोरी है। गृहमंत्री ने आगे कहा कि चंद्रगुप्त विक्रमादित्य को इतिहास में बहुत प्रसिद्धि मिली है। लेकिन उनके साथ इतिहास में बहुत अन्याय भी हुआ है। उनके पराक्रम की जितनी प्रशंसा होनी थी, उतनी शायद नहीं हुई।

बीएचयू के स्वतंत्रता भवन में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शाह ने कहा कि अब तक क्या हुआ, उसको सोचने की जरूरत नहीं है। अब हमें नए सिरे से इतिहास को लिखना होगा। जिससे कि सभी को इसकी प्राचीनता, महत्ता का पता चल सके। अमित शाह ने कहा कि इस आयोजन से इतिहास के विखरे पन्ने एक जगह आएंगे। हमारे देश के इतिहास को हमें ही लिखना होगा।

कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी और संयोजक प्रो. राकेश उपाध्याय ने पत्रकार वार्ता में बताया कि उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं।

कार्यक्रम समन्वयक प्रो. सदाशिव कुमार द्विवेदी और संयोजक प्रो. राकेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि गुप्तवंशैक-वीर: स्कंदगुप्त विक्रमादित्य का ऐतिहासिक पुन: स्मरण एवं भारत राष्ट्र का राजनीतिक भविष्य विषयक संगोष्ठी में देश-विदेश से जाने माने विद्वान भाग ले रहे हैं। इसमें अलग-अलग सत्रों में गुप्तवंशैक-वीर: के उदय, हूण आक्रमण, तत्कालीन राजनीतिक चुनौतियां, स्कंदगुप्त का पराक्रम, गुप्तकालीन भारत के वैश्विक आयाम आदि पर चर्चा हो रही है।

उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलाधिपति प्रो. कमलेश दत्त त्रिपाठी बीज वक्तव्य देंगे, जबकि कुलपति प्रो. राकेश भटनागर अध्यक्षता करेंगे। मुख्य द्वार से लेकर स्वतंत्रता भवन तक जाने वाली सड़क पर जगह-जगह पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई है। इस बीच बुधवार दिन में छात्रों के धरने, गेट के पास पत्थरबाजी से अधिकारी सुरक्षा को लेकर परेशान दिखे।

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