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शाहजहांपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों में एक नया मोड़ आ गया है। केस की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के रडार पर अब उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो नेता आ गए हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेता वसूली मामले के तीन आरोपियों में से एक संजय सिंह के साथ करीबी संपर्क में रहे हैं।

एसआईटी सूत्रों के अनुसार, इन नेताओं को वीडियो रिकॉर्डिंग के बारे में विक्रम के जरिए पता चला था। विक्रम मामले का एक अन्य आरोपी है। कथित रूप से उन्होंने संजय से वीडियो रिकॉर्डिंग हासिल करने और संभवत: अपना राजनीतिक हित साधने के लिए इसका उपयोग करने की कोशिश की थी। वे यहां तक कि वीडियो हासिल करने के लिए रुपये भी देना चाहते थे। एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया कि ये नेता आरोपियों के साथ लगातार संपर्क में थे और हम उनकी भूमिका की जांच कर रहे हैं। दोनों नेता 30 अगस्त को राजस्थान के दौसा जिले में बालाजी मंदिर के पास उसी होटल में उपस्थित थे, जहां चिन्मयानंद के खिलाफ आरोप लगाने के एक सप्ताह बाद लापता छात्रा बरामद हुई थी।

पीड़िता जिस कॉलेज में पढ़ती थी, उसके दो कर्मचारियों से भी एसआईटी पूछताछ कर रही है।

पीड़िता ने अपने बयान में कॉलेज के प्रधानाचार्य, सचिव और वार्डन का भी उल्लेख किया था और यौन उत्पीड़न मामले में एसआईटी उनकी भूमिका की भी जांच कर रही है। इस मामले को देख रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की विशेष पीठ ने एसआईटी द्वारा दाखिल रिपोर्ट पर संतोष व्यक्त किया है।

एसआईटी दो मामलों की जांच कर रही है और चिन्मयानंद के आश्रम में संचालित कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा की शिकायत के आधार पर उसने 20 सितंबर को चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया था। पीड़िता ने सबूत के तौर पर 40 वीडियो पेश किए थे। दूसरा मामला वलूसी से संबंधित है, जिसमें एसआईटी ने पीड़िता और उसके दोस्त संजय, विक्रम और सचिन को गिरफ्तार किया था।

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