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लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने देशवासियों, वीर सैनिकों, जवानों और उत्तर प्रदेश के नागरिकों को 70वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार जबसे सत्ता में आई है भारतीय गणतंत्र को ‘मनतंत्र’ की संकीर्णता में ढकेलने की कोशिश की है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में मायावती ने कहा है कि अब कुछ नया करने का समय नजदीक आ गया है, ताकि देश का संविधान अपनी सच्ची मंशा व भावना के साथ देश के सवा सौ करोड़ आम जनता का जीवन संवार सके।

उन्होंने कहा है कि वैसे भी लोगों को अपनी सुधार व अन्य को सुधारने का मौका आम चुनाव देता है। आम चुनाव के खास महत्व को देशहित में समझने और उस पर अमल करने की जरूरत है। यही गणतंत्र का असली संदेश है।

 

यह गणतंत्र आंकलन करने का समय है

मायावती ने कहा है कि गणतंत्र दिवस वह राष्ट्रीय पर्व है जिसका देश की आम जनता के जीवन में विशेष महत्व है। इसी दिन डा. भीमराव अम्बेडकर का मानवतावादी संविधान देश में लागू हुआ। एक व्यक्ति-एक वोट और हर वोट के एक समान मूल्य का क्रांतिकारी सिद्धांत लागू हुआ। यह सिद्धांत कमजोर और पिछड़े वर्ग के लिए वरदान है। जिसे चुनाव के समय कभी भी गवाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा है कि 70वां गणतंत्र आकलन करने का समय है। इतने वर्षों में स‌र्वसमाज के गरीबों, मजदूरों, किसानों, दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्ग, मुस्लिमों के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक वर्ग ने क्या पाया? क्या उसके जीवन में बदलाव आया? क्या उन्हें जातिवाद के अभिशाप से मुक्ति मिली है? सरकारी नौकरियों, शिक्षा आदि में समुचित भागीदारी मिली? मायावती ने कहा है कि आम जनता के हित में अब तक का अनुभव यही बताता है कि संविधान को उसकी असली जनहित व जनकल्याण की संशा के हिसाब से लागू ही नहीं किया गया, अन्यथा सात दशकों से अधिक के समय में देश के लोगों की तकदीर संवर गई होती।

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