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लखनऊ: लखनऊ के रिवरफ्रंट मामले को लेकर ईडी की टीम ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश समेत हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में छापेमारी की है। लखनऊ के गोमतीनगर और राजाजीपुरम इलाके में भी ईडी ने इंजीनियरों और ठेकेदारों के घर पर छापेमारी की। ईडी की कार्यवाही से हड़कंप मच गया। ईडी टीम ने लखनऊ के गोमती नगर के विशालखंड में छापेमारी की। इंजीनियरों और ठेकेदारों का पूरा घर खंगाला गया। टीम ने राजाजीपुरम इलाके में इंजीनियरों, ठेकेदारों और कंपनी के गठजोड़ को लेकर छापेमारी की।

सिंचाई विभाग के पूर्व अधिकारियों और गैमन इंडिया कंपनी के अधिकारियों के आठ ठिकानों पर ईडी की टीम पहुंची और घंटों तलाशी ली। उधर, राजस्थान के भिवाड़ी में ईडी की छापेमारी जारी है। हरियाणा के गुरुग्राम में ईडी ने छापेमारी की है। इसके अलावा नोएडा के सेक्टर-62 स्थित आईथम टॉवर में भी छापेमारी की गई है।

 

गोमती के 13 किमी लंबे किनारों का होना था सौंदर्यीकरण

इस प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ के बीचोंबीच बहने वाली गोमती नदी के 13 किलोमीटर लंबे किनारों का सौंदर्यीकरण किया जाना था। शुरू में यह प्रोजेक्ट 656 करोड़ का था, जो बाद में बढ़कर 1513 करोड़ का हो गया। प्रदेश सरकार का आरोप है कि इस रकम का 95 फीसद यानी 1435 करोड़ खर्च होने के बावजूद सिर्फ 60 फीसद काम पूरा हो सका।

इस तरह प्रोजेक्ट का होना था विस्तार

इस प्रोजेक्ट में गोमती नदी के दोनों किनारों पर डायफ्रॅाम वॉल बननी थी और लैंडस्केपिंग करके खूबसूरत लॉन। परमानेंट और मौसमी फूलों की क्यारियां…साइकल ट्रैक, जॉगिंग ट्रैक, वॉकिंग प्लाज़ा बनाया जाना था। प्रोजेक्ट के लिए फ्रांस से 45 करोड़ की लागत से एक फव्वारा मंगाया गया था जिसके चलने पर लेज़र लाइट के ज़रिए लखनऊ के मॉन्युमेंट्स की तस्वीर बनती। चार करोड़ की लागत से वॉटर बस भी आई थी जो घूमने वालों को लखनऊ की सैर कराती और फिर उन्हें गोमती नदी में भी सफर कराती।

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