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मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा की निचली अदालत ने जवाहरबाग हिंसा मामले में अदालत ने 45 लोगों को दोषी करार दिया है। अदालत ने इस मामले में दोषी करार दिए गए सभी आरोपियों को तीन साल की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले के मुख्य आरोपी चंदन बोस, उसकी पत्नी पूनम बोस और अन्य महिला श्यामवती को बरी कर दिया है।

पुलिस के मुताबिक, जवाहरबाग में 2 जून 2016 को हुई गोलीबारी में फरह थाने के एसओ संतोष यादव को एके 47 से गोली मारने के मामले में रामबृक्ष यादव के साथ उसका खास सलाहकार चंदन बोस, गिरीश यादव और राकेश गुप्ता भी शामिल थे और इन्हें मुख्य आरोपी बनाया था। पुलिस ने इस मामले में 15 जनू को चंदन बोस परसरामपुर गांव से पत्नी पूनम समेत पकड़ा गया था। कैथवलिया निवासी पूनम के पिता हरियाणा में परिवार के साथ रहते थे। 2014 में पूनम का संबंध हरियाणा में पश्चिम बंगाल के चंदन बोस से हुआ था। वहीं दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया था। 2015 में चंदन बोस रामबृक्ष यादव के संपर्क में आया और जल्दी ही उसका करीबी बन गया।

जवाहरबाग में कब्जा कर समानान्तर सरकार चलाने वाले रामवृक्ष के कागज पत्र और रुपयों के हिसाब वगैरह का जिम्मा चंदन बोस पर ही था।

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