लखनऊ: सपा-बसपा गठबंधन पर कांग्रेस की रणनीति का एलान करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस यूपी में राहुल गांधी के नेतृत्व में अपनी विचार धारा का पालन करते हुए लोकसभा चुनाव में डटकर लड़ेगी और भाजपा को हराएगी। साथ ही यह भी घोषणा की कि यूपी में कांग्रेस सभी 80 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव की लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच में है और हम उन दलों को मदद लेंगे जो इस लड़ाई में हमारा साथ देंगे।
रविवार को यूपी कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद और यूपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ मुलाकात करने के बाद पार्टी की रणनीति का एलान किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि हम लोग भाजपा के खिलाफ राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ाई लड़ेंगे और इस लड़ाई में जो भी दल आना चाहे, उसका स्वागत है। हम उन दलों का सम्मान करेंगे जो इस लड़ाई में आगे आएगा। आजाद ने कहा, 'संसद का सत्र पूरा होने के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सवाल उठाया कि 70 साल में कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने देश को आजाद कराने की जिम्मेदारी ली। दर्जनों नेता, किसान, मजदूर और महिलाओं ने देश की आजादी में योगदान दिया।
उन्होंने कहा, आजादी के बाद पहले प्रधानमंत्री ने उस देश को एक भारत बनाया, जो सैंकड़ों टुकड़ों में बंटा हुआ था। ऐसा भारत बनाया गया, जिसमें ऐसी व्यवस्था दी कि नागरिकों को धार्मिक, राजनीतिक न्याय मिले, विचार रखने का अवसर मिले। हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई को अपने धर्म की पूजा-पाठ करने की पूरी आजादी मिले।'
उन्होंने कहा, जो पार्टी अपने स्वार्थ के लिए समाज को न बाटें, पार्टी वही होती है जो अपना नुकसान झेल ले, लेकिन देश को नुकसान न हो। आजाद ने कहा, कांग्रेस और भाजपा की लड़ाई व्यक्तिगत नहीं है, सिद्धांतों की लड़ाई है। भारत को एक रखने की लड़ाई है। भारत को मजबूत करने और सभी को एक साथ रखने की लड़ाई है। कांग्रेस नेता ने कहा, पूरी दुनिया जानती है कि लोकसभा की लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच है। हम उन दलों का समर्थन जरूर लेंगे, जो हमारी मदद करेंगे। हम उन तमाम दलों का सम्मान करेंगे जो इसमें आगे बढ़ेंगे।
गुलाम नबी आजाद ने कहा, राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी पूरी शक्ति के साथ अपनी विचारधारा जो आजादी से पहले से अब तक पालन करते रहे हैं, उसका पालन करते हुए आगामी चुनाव लोकसभा में डटकर लड़ेंगे और भाजपा को हराएंगे। सपा-बसपा गठबंधन पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कल से ज्यादा भीड़ यहां जुटी है। उन्होंने कहा कि यह कमरा ज्यादा बड़ा है। उन्होंने कहा कि सभी दल अपनी शक्ति के हिसाब से काम करने में जुटे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने किया गहन विचार मंथन
उत्तर प्रदेश में कल बने महागठबंधन से खुद को अलग रखे जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने के लिए रविवार को यहां एक बैठक की। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर पार्टी राज्य मुख्यालय पर गहन विचार मंथन किया। कांग्रेस को कल घोषित सपा बसपा के महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया है। अलबत्ता, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी सीट और उनकी मां सोनिया गांधी की रायबरेली सीट छोड़ दी गई है। इन दोनों सीटों पर गठबंधन के दोनों दल अपने अपने उम्मीदवार नहीं उतारेंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आज बताया कि महागठबंधन से अलग रखे जाने के बाद इस बात की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं कि कांग्रेस सूबे में अपने बलबूते पर ही लोकसभा चुनाव लड़ेगी। सपा बसपा गठबंधन को लेकर कांग्रेस की तरफ से कोई तीखी या नकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी को उपेक्षित करना 'बहुत खतरनाक भूल' हो सकती है। उनका कहना था कि सभी विपक्षी दलों की यह कोशिश होनी चाहिए कि वह भाजपा को हराने के लिए एकजुट हों।
38-38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी
सपा-बसपा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी। सपा और बसपा ने राज्य की दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोडी हैं जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ने का फैसला किया है।