लखनऊ: राज्य संपत्ति विभाग ने शनिवार को जब अखिलेश यादव के चार विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी बंगले को कब्जे में लिया तो वहां कई हिस्से में टूट-फूट मिली है। कुछ ऐसी ही हालत पांच विक्रमादित्य मार्ग स्थित मुलायम सिंह यादव के बंगले की थी। अखिलेश यादव का कहना है कि उन्होंने बंगले में कोई तोड़-फोड़ नहीं की।
राज्य संपत्ति विभाग के मुताबिक 4 विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले की चाभी उसे शुक्रवार को मिली। इसके बाद शनिवार को इसे खोला गया। वहां फाल्स सीलिंग व टाइल्स टूटी मिलीं, कहीं फ्लोरिंग उखड़ी हुई थी तो कहीं दीवार...। स्पोर्ट्स कांप्लेक्स वाले हिस्से में भी टूट-फूट मिली। घर में संगमरमर का मंदिर सुरक्षित मिला। स्वीमिंग पुल मिट्टी से पटा मिला। इसके ठीक बगल पांच विक्रमादित्य मार्ग में भी कुछ टूट-फूट मिली।
राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला कहते हैं कि सामानों का मिलन करने के बाद ही बताया जा सकेगा कि कितने सामान दिए गए थे और कितने गायब हैं। जांच में पता चला कि जानबूझकर चीजें तोड़ी गई हैं, तो रिकवरी की जाएगी।
लखनऊ आवास में क्षति नहीं पहुंचाई : अखिलेश
उधर, वृंदावन में अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ आवास को उन्होंने न तो किसी तरह की क्षति पहुंचाई है और न ही वहां से कुछ भी लेकर आए हैं। उन्होंने वहां तमाम पेड़ लगाए थे। वे पेड़ सरकार उन्हें दे दे। अखिलेश शनिवार को बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मीडिया को उस आवास को जाकर देखना चाहिए। वहां बने मंदिर को देखना चाहिए। भाजपा झूठ बोलने में माहिर है और आवास के बारे में झूठा प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 का चुनाव महत्वपूर्ण है। भाजपा गठबंधन को लेकर तरह-तरह की बात कर रही है। यह गठबंधन दिखावा नहीं है। गठबंधन का असर उपचुनाव में देख चुके हैं। भाजपा के खिलाफ जो गठबंधन हो रहा है उसका परिणाम कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भी देखा जा चुका है। अखिलेश के साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव और बच्चे, सांसद तेजप्रताप यादव, उनकी पत्नी लक्ष्मी और मृदुला भी थे।