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लखनऊ: भारतीय सेना ने भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध में शामिल टी-55 टैंक को रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कुलाधिपति मो आजम खान को उपहार स्वरूप दिया। सेना की ओर से उत्तर भारत के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टीनेंट जनरल हरीश ठुकराल मौके पर मौजूद थे।

इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए आजम खान ने सेना के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह टैंक भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान का प्रतीक है। विश्वविद्यालय के छात्रों समेत यहां आनेवालों को यह टैंक मातृभूमि की सेवा की प्रेरणा देगा। उन्होंने टैक को सेना के प्रति श्रद्धा और सम्मान की निशानी बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित यह टैंक मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही

उन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी को सेना का भर्ती सेंटर बनाये जाने की मांग भी की। उपकुलपति मोहम्मद यूनुस ने समारोह का अंत राष्ट्रगान के साथ किया।

 

क्या है टैंक टी-55 की खासियत

टैंक का नाम    : टी-55

खरीदारी        : वर्ष 1968 में रूस से

युद्ध             : पाकिस्तान से वर्ष 1971 में हुए युद्ध में था शामिल

वजन            : 36 टन

खासियत        : टैंक में 7.62mm की दो बंदूकें हैं. साथ ही 2.77mm की एंटी एयरक्राफ्ट गन भी है। टैंक में चार लोगों के बैठने की व्यवस्था है। इस टैंक में नाइटविजन होने से रात में भी कार्य को बेहतर तरीके से अंजाम दे सकता है।

 

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