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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का एक अहम मुद्दा कानून व्यवस्था था। अखिलेश राज में अपराधियों के हौसले के पस्त राज्य की जनता ने भारी तादाद बीजेपी के पक्ष में वोट किया और जब राज्य में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई ने भाजपा की सरकार बनी तो उनकी प्रार्थमिकता राज्य में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति को पटरी पर लाने की थी।

योगी की गद्दी पर काबिज होते ही मुख्यमंत्री योगी ने ना सिर्फ अपराधियों को सख्त संदेश दिया बल्कि उन्होंने पुलिस प्रशासन को अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए हर मुमकिन कदम उठाने उठाने के निर्देश दिए। महज 10 महीने पुरानी इस सरकार के शासनकाल में 1000 के करीब एनकाउंटर कर 2,000 से अधिक अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है।

एक आकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार में पुलिस और बदमाशों के बीच अब तक कुल 895 मुठभेड़ हुए, जिनमें सर्वाधिक 358 एनकाउंटर अकेले मेरठ जिले में हुए। आगरा में 175 एनकाउंटर हुए और वह इस मामले में दूसरे स्थान पर रहा, जबकि बरेली में 149 एनकाउंटर हुए। इन एनकाउंटर के दौरान पुलिस 2186 बदमाशों को गिरफ्तार करने में सफल रही।

यूपी पुलिस ने योगी सरकार के महज 10 महीने में 26 शातिर अपराधियों को मार गिराया। हालांकि 3 पुलिसकर्मियों को भी अपनी शहादत देनी पड़ी। बीते 10 महीने जिन 2186 अपराधियों को गिरफ्तार किया, उनमें से 1680 अपराधी वांटेड थे और उन पर इनाम भी घोषित था।

यूपी पुलिस ने अकेले सितंबर माह में 13 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया। अकेले मेरठ में 17 बदमाश मारे गए। संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए योगी सरकार हाल ही में यूपीकोका (UPCOCA) कानून भी लेकर आई है, जो विधानसभा में पास भी हो चुका है। यूपीकोका कानून में अंडरवर्ल्ड, जबरन वसूली, जबरन मकान और जमीन पर कब्जा, वैश्यावृत्ति, अपहरण, फिरौती, धमकी और तस्करी जैसे अपराधों को शामिल किया गया।

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