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नई दिल्ली: भाजपा की अगुआई वाली कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बेंगलुरु में करीब 72 रोहिंग्या हैं, लेकिन उन्हें डिपोर्ट करने की कोई तात्कालिक योजना नहीं है। राज्य सरकार ने भाजपा नेता एवं वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर जवाब सौंपा है। उपाध्याय ने शीर्ष कोर्ट से रोहिंग्या लोगों को डिपोर्ट करने का निर्देश देने की मांग की है।

लिखित जवाब में राज्य सरकार ने कहा, 'बेंगलुरु सिटी पुलिस ने रोहिंग्या लोगों को अपने अधिकार क्षेत्र में किसी कैंप या हिरासत केंद्र में नहीं रखा है। हालांकि बेंगलुरु शहर में 72 रोहिंग्याओं की पहचान की गई है जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। बेंगलुरु सिटी पुलिस ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है। उन्हें डिपोर्ट करने की कोई तात्कालिक योजना नहीं है।'

इसके साथ ही याचिका में कहा कि सरकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह कानून में बदलाव करे और अवैध घुसपैठियों के खिलाफ संज्ञेय अपराध और गैर समानती अपराध में केस का प्रावधान करे क्योंकि उन्होंने अवैध राशन कार्ड और पैन व आधार कार्ड बनवा रखे हैं।

बेंगलुरू: कर्नाटक में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के ठीक पहले 'सियासी जंग' उस समय निचले स्‍तर पर पहुंच गई जब कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्‍हें 'अंगूठा छाप' या अशिक्षित बता दिया। कन्‍नड़ भाषा में किए गए कर्नाटक कांग्रेस के ट्वीट में कहा गया, 'कांग्रेस ने स्‍कूल बनाए, लेकिन मोदी कभी पढ़ने नहीं गए। यहां तक कि कांग्रेस ने वयस्‍कों के सीखने के लिए भी योजनाएं बनाईं, लेकिन यहां भी मोदी नहीं सीख सके। जिन लोगों ने भीख मांगना प्रतिबंधित होने के बावजूद इसे चुना, उन्‍होंने आज लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया है। देश #अंगूठाछाप मोदी के कारण कष्‍ट झेल रहा है।'

स्‍वाभाविक है इस कमेंट की आलोचना होनी ही थी। कई लोगों ने इसे पीएम मोदी पर निजी हमला करार दिया है। कर्नाटक भाजपा प्रवक्‍ता मालविका अविनाश ने कहा, 'केवल कांग्रेस ही इतने निचले स्‍तर पर जा सकती है।' उन्‍होंने कहा कि यह कमेंट, जवाब देने लायक भी नहीं है।

बेंगलुरू: बजरंग दल और विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने रविवार सुबह कर्नाटक के हुबली में एक अस्‍थायी चर्च में प्रवेश किया और यहां जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए विरोध स्‍वरूप भजन गाए। इस घटना के वायरल हुए वीडियो में दर्जनों पुरुषों और महिलाओं को हुबली के बेरिदेवारकोप्‍पा चर्च के अंदर बैठे हुए देखा जा सकता है, ये लोग हाथ जोड़कर भजन गा रहे हैं। बाद में स्‍थानीय भाजपा विधायक अरविंद बेल्‍लाड ने हाईवे को जाम करते हुए पादरी सोमू अवराधी की गिरफ्तारी की मांग की। दोनों पक्षों, चर्च के सदस्‍यों और दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस घटना में उन पर हमला होने का आरोप लगाया है। पादरी सोमू और उनके कुछ सहयोगियों को मामूली चोटों के कारण अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है।

पादरी और अन्‍य को अनुसूचित जाति और जनजाति संरक्षण कानून के तहत शिकायत में धार्मिक भावनाओं को इरादतन और दुर्भावनावश ठेस पहुंचाने के आरोप के तहत नामित किया गया है। उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीन अन्‍य लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

बेंगलुरु: पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के कार्यकाल में घोटाला हुआ था? इस बात के सबूत तलाशने के लिए आयकर विभाग की टीम ने बेंगलुरू में कई जगहों पर छापेमारी की है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार को बेंगुलरु सहित कर्नाटक के कई स्थानों पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि यह छापेमारी सिंचाई विभाग में कथित घोटाले को लेकर की गयी थी। कहा जा रहा है कि जिस वक्त विभाग में घोटाले की बात उजागर हुई थी, उस वक्त बीएस येदियुरप्पा ही राज्य के मुख्यमंत्री थे और यह छापेमारी उस वक्त हुए कथिक स्कैम को लेकर ही हुई है।

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