बेंगलुरू: कर्नाटक में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के ठीक पहले 'सियासी जंग' उस समय निचले स्तर पर पहुंच गई जब कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें 'अंगूठा छाप' या अशिक्षित बता दिया। कन्नड़ भाषा में किए गए कर्नाटक कांग्रेस के ट्वीट में कहा गया, 'कांग्रेस ने स्कूल बनाए, लेकिन मोदी कभी पढ़ने नहीं गए। यहां तक कि कांग्रेस ने वयस्कों के सीखने के लिए भी योजनाएं बनाईं, लेकिन यहां भी मोदी नहीं सीख सके। जिन लोगों ने भीख मांगना प्रतिबंधित होने के बावजूद इसे चुना, उन्होंने आज लोगों को भीख मांगने के लिए मजबूर कर दिया है। देश #अंगूठाछाप मोदी के कारण कष्ट झेल रहा है।'
स्वाभाविक है इस कमेंट की आलोचना होनी ही थी। कई लोगों ने इसे पीएम मोदी पर निजी हमला करार दिया है। कर्नाटक भाजपा प्रवक्ता मालविका अविनाश ने कहा, 'केवल कांग्रेस ही इतने निचले स्तर पर जा सकती है।' उन्होंने कहा कि यह कमेंट, जवाब देने लायक भी नहीं है।
आलोचना के बाद राज्य कांग्रेस प्रवक्ता लावण्य बल्लाल ने माना कि ट्वीट का स्वर दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी जांच कराएंगे। हालांकि उन्होंने कहा, इसे वापस लेने या इसके लिए माफी मांगने का कोई कारण नहीं है। गौरतलब है कि सिंदगी और हंगाल विधानसभा के लिए उपचुनाव 30 अक्टूबर को होंगे.जेडीएस और कांग्रेस विधायक के इस्तीफे के कारण यह सीटें रिक्त हुई हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के लिए इस उपचुनाव में बहुत कुछ दांव पर लगा है क्योंकि सीएम बासवराजबोम्मई के सीएम पद संभालने के बाद यह राज्य में पहली कोई चुनाव हो रहे हैं। हंगाल सीएम की सीट शिगांव के नजदीक है।
कांग्रेस को उम्मीद है कि 2023 में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन दोनों सीटों पर हो रहे उपचुनाव में वह जीत हासिल करने में सफल रहेगी। हालांकि विपक्षी पार्टी, कांग्रेस के लिए इस समय सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा। राज्य के दो कांग्रेस नेता हाल ही में कर्नाटक पार्टी प्रमुख डीके शिवकुमार के कथित भ्रष्टाचार के बारे में बात करते हुए 'माइक पर पकड़े' गए थे। इसके बाद दो दिग्गज नेताओं सीएम बोम्मई और कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम सिद्धारमैया के बीच ट्विटर पर जंग हुई थी। इस दौरान सिद्धारमैया ने भाजपा को सांप्रदायिक पार्टी करार दिया था और कहा था कि बोम्मई केवल सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा के साथ जुड़े थे।