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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा मे धर्मांतरण रोकथाम विधेयक पास तो हो गया, लेकिन अभी इसके क़ानून बनने में थोड़ा इंतज़ार करना पड़ेगा। विधानसभा के संयुक्त अधिवेशन में अब इस बिल को अगले साल पेश किया जाएगा क्योंकि फिलहाल परिषद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बहुमत नही है लेकिन जनवरी में नए सदस्यों के शपथ लेते ही भाजपा को साधारण बहुमत मिल जाएगा। धर्मांतरण रोकथाम बिल, जिस दिन कर्नाटक विधान सभा में पास हुआ उसी दिन की दो घटनाओं ने हर किसी का सोचने पर मजबूर कर दिया। चिकबालपुर में एक चर्च पर हमला हुआ और मंड्या में एक स्कूल में दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं ने यह कहते हुए हंगामा खड़ा कर दिया कि वहां सिर्फ ईसाई समुदाय से जुड़े त्‍यौहार मनाए जाते हैं, हिंदुओं के त्‍यौहार नहीं।

इसकी आशंका बेंगलुरु के आर्च बिशप ने पहले ही जताई थी। आर्च बिशप बेंगलुरु पीटर मचाडो ने कहा था,' इस कानून के बिना ही जब इस तरह से हम लोगों को परेशान किया जा रहा है तो कानून बनने के बाद इसकी एक कॉपी है, जिसे लोग जेब में रखेंगे और हमारा जीना मुश्किल कर देंगे।'

बेंगलुरू: मप्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात के बाद अब कर्नाटक में भी जबरन या लालच देकर धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बना दिया है। गुरुवार को राज्य विधानसभा ने धार्मिक स्वतंत्रता संरक्षण विधेयक-2021 पारित कर दिया। कर्नाटक के बेलगावी में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया था। विधानसभा के स्पीकर ने घोषणा की कि उन्होंने सरकार को प्रक्रिया के अनुसार धर्मांतरण विरोधी विधेयक को पेश करने की अनुमति दी है और इस पर बुधवार को चर्चा की जाएगी। चर्चा के बाद गुरुवार को इसे पारित कर दिया गया।

कांग्रेस नेता शिवकुमार ने फाड़ दी थी प्रति

कांग्रेस ने धर्मांतरण रोधी इस विधेयक का विरोध किया और सदन से वॉकआउट किया था। डीके शिवकुमार ने सदन के अंदर विधेयक की प्रति भी फाड़ दी थी। इसके बाद शिवकुमार ने कहा था कि मैंने बिल फाड़ा क्योंकि यह संविधान के खिलाफ है। हम इसे पेश किए जाने से पहले ही रोकना चाहते थे।

बेलगावी: कर्नाटक के बेलगावी में चल रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया। विधानसभा के स्पीकर ने घोषणा की कि उन्होंने सरकार को प्रक्रिया के अनुसार धर्मांतरण विरोधी विधेयक को पेश करने की अनुमति दी है और इस पर कल (बुधवार) चर्चा की जाएगी। कांग्रेस ने इस विधेयक के प्रति विरोध व्यक्त किया व सदन से वॉकआउट किया। डीके शिवकुमार ने सदन के अंदर विधेयक की प्रति भी फाड़ दी। 

एक दिन पहले ही यानी सोमवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई थी। लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार की सुरक्षा करने के लिए लाए जा रहे इस विधेयक के तहत जबरदस्ती, धोखेबाजी से, लालच देकर या जबरन विवाह के माध्यम से धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए प्रावधान किए जाएंगे। 

हावेरी: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हावेरी जिले में अपने निर्वाचन क्षेत्र शिग्गांव के लोगों को भावुक रूप से संबोधित करते हुए कहा है कि पद और रूतबा समेत इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। इस बयान से उनके पद से हटने की संभावना को लेकर अटकलें लगने लगी हैं। उन्होंने कहा, '' इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है। यह जीवन अपने आप में ही हमेशा के लिए नहीं है। हम नहीं जानते हैं कि हम ऐसी स्थिति में यहां कब तक रहेंगे, ये पद और रुतबा हमेशा के लिए नहीं है। मैं हर पल इस तथ्य से अवगत हूं।''

अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति आभार प्रकट करते हुए बोम्मई ने कहा कि वह उनके लिए मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि बसवराज हैं। वह बेलगावी जिले के किट्टूर में 19 वीं सदी की किट्टूर रानी महारानी चेनम्मा की प्रतिमा का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे। रानी चेनम्मा ने ब्रिटिशों के विरूद्ध लड़ाई लड़ी थी। बोम्मई ने कहा, ''मैं हमेशा कहता रहा हूं कि इस स्थान (शिग्गांव) के बाहर मैं अतीत में गृहमंत्री और सिंचाई मंत्री था, लेकिन जब मैं एक बार यहां आ गया तो मैं आप सभी के लिए बस बसवराज रहा।''

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