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बेंगलुरु: मंगलवार को कर्नाटक आगामी काउंसिल चुनावों के लिए आयोजित भाजपा की बैठक काफी गरमागरम रही। बहस के दौरान दो गुटों के बीच तीखी बहस मारपीट तक पहुंच गई। बता दें कि दिसंबर में होने वाले चुनावों के लिए राज्य के आबकारी मंत्री के गोपालैया की ओर से हासन जिले के अर्सीकेरे में बैठक की जा रही थी।

इस दौरान बीएस येदियुरप्पा के पूर्व सहयोगी एनआर संतोष भाषण दे रहे थे, तब कार्यकर्ताओं के एक समूह ने आपत्ति जताई। कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ नारेबाजी की और अर्सिकेरे में उनके योगदान को लेकर सवाल किए। हालांकि, मंत्री गोपालैया ने लोगों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन विरोध जता रहे कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं थे। जैसे ही मंत्री कार्यक्रम स्थल से बाहर निकल गए। कुछ लोगों के समूह मारपीट पर उतर आए। घटना के संबंध में एक वीडियो में दिख रहा है एक व्यक्ति दूसरे के साथ मारपीट कर रहा है। वहीं कुछ कार्यकर्ता शांत कराने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना में मोहन नाइक, जिन्होंने संतोष से सवाल किए थे, उनकों चोटें आई हैं। उन्हें इलाज के लिए वहां के स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

बेंगलुरु: कर्नाटक के धारवाड़ में एक मेडिकल कॉलेज में हुई फ्रेशर पार्टी ने वहां कोरोना वायरस का कहर बरपाया है। एक ही दिन में वहां कोविड मरीजों की संख्या बढ़कर करीब तिगुनी हो गई है और कॉलेज कोविड​​​​-19 क्लस्टर बन गया है। अधिकारियों ने बताया कि कॉलेज में कोरोनो वायरस से संक्रमित छात्रों की संख्या 66 से बढ़कर अब 182 हो गई है। धारवाड़ में एसडीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में एक फ्रेशर पार्टी के बाद 300 छात्रों के कोविड टेस्ट रिपोर्ट जब गुरुवार को आए तो 66 छात्र, जो पूरी तरह से टीकाकृत थे, पॉजिटिव पाए गए।

अधिकारियों ने कहा कि संक्रमितों को कॉलेज परिसर के अंदर ही क्वारंटीन में रखा गया है और दो छात्रावासों को एहतियात के तौर पर सील कर दिया गया है। राज्य का स्वास्थ्य विभाग आज कॉलेज और अस्पताल में 3,000 से अधिक कर्मचारियों और छात्रों का परीक्षण (क्लिनिकल ​​और नॉन क्लिनिकल) करेगा। स्वास्थ्य आयुक्त ने कहा कि 17 नवंबर को कॉलेज में एक फ्रेशर्स पार्टी प्रकोप के लिए जिम्मेदार है।अधिकारियों ने कहा कि जिन कोविड पॉजिटिव रोगियों में हल्के या कोई लक्षण नहीं हैं।

बेंगलुरू: कर्नाटक में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने छापेमारी शरू की तो निचले और मध्यम दर्जे के अधिकारियों के घरों से आभूषणों का अंबार मिला। कलबुर्गी जिले में एक इंजीनियर के घर मे लगे पाइप से तो नोटों की बारिश हुई। जहां एक तरफ एसीबी की छापेमारी की तारीफ हो रही है, वहीं सवाल ये भी उठाए जा रहे हैं कि आईपीएस-आईएएस अधिकारियों और विधायकों-मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई क्‍यों नही होती। जब शक्तियां लोकयुक्त के पास थीं तो उसने बीएस येदियुरप्पा जैसे कद्दावर नेता को जेल भेज दिया था।

जब एंटी करप्‍शन ब्यूरो ने कलबुर्गी में पीडब्ल्यूडी के ज्‍वाइंट कमिश्‍नर शांता गौड़ा बिरादर के आवास पर छापा मारा तो कीमती आभूषणों की चकाचौंध से कमरा जगमगा उठा। एसीबी को शक हुआ तो प्‍लंबर बुलाया गया और फिर पाइप से नोट की बारिश शुरू हो गई। यह सभी छापेमारी मध्यम दर्जे के सरकारी अधिकारियों के ठिकानों पर की गई। सवाल यह उठता है कि क्या भ्रष्‍ट सिर्फ मध्‍यम-निचले दर्जे के अधिकारी हैं। आईएएस, आईपीएस अधिकारियों और चुने हुए प्रतिनिधियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई क्‍यों नहीं की जाती?

बेंगलुरू: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ड्रोन के जरिए कोरोना वैक्सीन की खुराक पहुंचाई गई है। नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरीज ने अपने ड्रोन 'ऑक्टाकॉप्टर' के जरिए कोरोना वैक्सीन की डोज पहुंचाई। इस ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाने के दौरान ज्यादा समय की खपत नहीं हुई बल्कि महज 20 मिनट में 14 किमी की दूरी तय की गई।

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के मुताबिक, ऑक्टाकॉप्टर ने 10 मीटर प्रति सेकंड की गति से 300 मीटर एजीएल की ऊंचाई पर उड़ान भरी और लगभग 10 मिनट में लगभग 7 किलोमीटर की हवाई दूरी तय की। हरगड्डे में टीकों की डिलीवरी के बाद, ड्रोन चंदपुरा पीएचसी में लौट आया। उन्होंने बताया कि पूरे मिशन ने टीकों की डिलीवरी सहित 20 मिनट में लगभग 14 किमी की दूरी तय की है। हालांकि, सड़क मार्ग से चंदपुरा से हरगड्डे तक टीके पहुंचाने में आमतौर पर लगभग 30 से 40 मिनट लगते हैं।

कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग की डा. मनीषा के हवाले से कहा गया है कि पीएचसी के डॉक्टर ड्रोन के जरिए कोरोना टीकों के तेज और सुरक्षित वितरण को देखकर खुश थे।

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