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बेलागावी (कर्नाटक): स्वतंत्रता सेनानी संगोली रायन्ना की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने और सरकारी वाहनों पर पथराव करने की दो अप्रिय घटनाओं के बाद शनिवार को शहर और तालुक में निषेधाज्ञा आदेश जारी किए गए। पुलिस आयुक्त कार्यालय के अनुसार, बेलागावी पुलिस आयुक्तालय इलाके के लिए 18 दिसंबर को सुबह आठ बजे से 19 दिसंबर को शाम छह बजे तक आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा आदेश लागू किया गया है। इस इलाके में बेलागावी तालुक भी आती है।

यह घटना तब हुई जब यहां राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इन घटनाओं की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि उन्होंने शांति एवं व्यवस्था भंग करने की कोशिश करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का गृह मंत्री को निर्देश दिया है, जिसके बाद घटना के संबंध में कुछ गिरफ्तारियां की गयी है। हुब्बली में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पथराव, सार्वजनिक संपत्ति और सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं गैरकानूनी है इसलिए पुलिस को दीर्घकालीन कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो।’’

बेंगलुरु: सत्तारूढ़ भाजपा कर्नाटक राज्य विधानमंडल के उच्च सदन के रूप में माने जाने वाले विधान परिषद के चुनावों में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रही है। पार्टी 11 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही और कांग्रेस को भी इतनी ही सीटों पर जीत मिली। क्षेत्रीय पार्टी जद (एस) चुनाव में सबसे बड़ी हारने वाली पार्टी बनी। पार्टी केवल दो सीटें जीतने में सफल रही।

भाजपा के पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली के भाई लखन जरकीहोली ने भाजपा नेता महंतेश कवाटागीमठ के खिलाफ चुनाव लड़ा और उन्हें तीसरे स्थान पर धकेल कर जीत दर्ज करने में सफल रहे। 37 सीटों के साथ, भाजपा बहुमत हासिल करने में 75 सदस्यीय परिषद में एक सीट से बराबर ही रह पाई।

हालांकि, परिषद में विधेयकों और नए विधानों को पारित करने के लिए सत्तारूढ़ दल विपक्षी दलों की राय या सहारे पर नहीं रहेगा। बता दें कि ये अंतिम परिणाम मंगलवार मध्यरात्रि तक घोषित किए गए। वर्तमान में, 75 सदस्यीय परिषद में 37 सत्तारूढ़ भाजपा, 26 कांग्रेस, 11 जद (एस) और एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

बेंगलुरु: कर्नाटक में दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा ईसाइयों का धार्मिक ग्रंथ जलाने के मामले के बाद तनाव बढ़ गया है। यह घटना उस वक्त हुई जब समुदाय के लोग घर घर जाकर उपदेश का मिशन चला रहे थे। कर्नाटक के कोलार जिले में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पिछले 12 महीनों में हुआ यह 38वां हमला है। दक्षिणपंथी संगठनों ने आरोप लगाया है कि चर्च के लोग धर्मांतरण के कार्य में लिप्त हैं। धार्मिक ग्रंथ जलाने के इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस का कहना है कि ईसाई समुदाय को पहले ही चेतावनी दी गई थी कि ऐसे धार्मिक बुकलेट के बांटने से माहौल बिगड़ सकता है। एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमने ईसाई समुदाय के पदाधिकारियों को आगाह किया था कि घर-घर जाकर प्रचार के इस अभियान से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। हालांकि बाद में दक्षिणपंथी संगठन और ईसाई समुदाय के सदस्यों ने मिल बैठकर मामले को हल कर लिया।

हुबली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को संकेत दिया कि धर्मांतरण विरोधी विधेयक के मसौदे को राज्य कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद इसे बेलगावी में विधानसभा के आगामी शीत सत्र के दौरान पेश किया जा सकता है। विधानसभा के इस सत्र की शुरुआत 13 दिसंबर से होने वाली है और इस दौरान कैबिनेट की बैठक आयोजित हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, बड़ी संख्या में लोग धर्म परिवर्तन पर प्रतिबंध चाहते हैं। इसे लेकर मसौदा विधेयक की विधि विभाग की ओर से समीक्षा की जा रही है। समीक्षा पूरी होने के बाद कैबिनेट बैठक में इसकी घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधि विभाग की ओर से प्रस्तावित मसौदा नियम को मंजूरी मिल सकती है और इसे चर्चा के लिए लाया जा सकता है।

बोम्मई ने दावा किया कि धर्म परिवर्तन समाज के लिए ठीक नहीं है और कहा कि कमजोर लोगों को इसका शिकार नहीं होना चाहिए। कि हमारी सरकार लोगों को समस्याओं से बचाने के लिए धर्म परिवर्तन पर रोक सगाने के उद्देश्य से एक नया कानून लाने का प्रयास कर रही है।

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