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बेंगलुरु: भाजपा की कर्नाटक इकाई ने कथित तौर पर उडुपी की उन लड़कियों के पते सहित निजी जानकारी साझा कर दी, जिन्होंने कक्षा में हिजाब पहनने पर लगाई गई रोक के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय का रुख किया है। हालांकि, इसकी आलोचना होने के बाद भाजपा ने अंग्रेजी के साथ कन्नड़ में किए गए इस ट्वीट को हटा दिया। दरअसल, भाजपा की कर्नाटक इकाई ने ट्वीट किया था,‘‘हिजाब विवाद में शामिल पांच लड़कियां नाबालिग हैं, क्या कांग्रेस नेता सोनिया, राहुल और और प्रियंका को इन नाबालिग लड़कियों का इस्तेमाल राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए करने को लेकर कोई अपराधबोध नहीं है? वे चुनाव जीतने के लिए कितने नीचे जाएंगे? प्रियंका गांधी के लिए क्या यही ‘‘लड़की हूं,लड़ सकती हूं के मायने हैं?''

विवाद के बाद किया डिलीट

इस ट्वीट के साथ पार्टी ने उडुपी की लड़कियों की निजी जानकारी भी दी थी, जिन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

बेंगलुरु: कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई से पहले इस विवाद में नया मोड़ देखने को मिला जब याचिकाकर्ता छह मुस्लिम छात्राओं ने एक नई याचिका दायर की। इसमें कहा गया है कि कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं इसलिए इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है और इसी लिए छात्राओं को भी प्रताड़ित किया जा रहा है। अदालत इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी करेगी।

छात्राओं के वकील ने दिया दक्षिण अफ्रीकी अदालत के फैसले का हवाला

याचिकाकर्ता छात्राओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने अदालत के सामने दक्षिण अफ्रीका की एक अदालत के फैसले का उल्लेख किया। इसमें मुद्दा यह था कि क्या दक्षिण भारत से संबंध रखने वाली एक हिंदू लड़की क्या स्कूल में नाक का आभूषण (नोज रिंग) पहन सकती है। कामत ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका की अदालत ने फैसले में कहा था कि अगर ऐसे छात्र-छात्राएं और हैं जो अपने धर्म या संस्कृति को व्यक्त करने से डर रहे हैं तो उन्हें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह जश्न मनाने की चीज है न कि डरने की।

बेंगलुरु: कर्नाटक में उपजे हिजाब विवाद का सियासी इस्तेमाल मौजूदा विधानसभा चुनावों में हो रहा है, इसलिए इसकी सुनवाई टाल दी जाय। मामले में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कर्नाटक हाई कोर्ट में ऐसा तर्क दिया है। वकील ने याचिका दायर कर कोर्ट से गुजारिश की है कि इस मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक स्थगित कर दी जाय।

आयशा अल्मास और उडुपी गवर्नमेंट जूनियर कॉलेज की चार अन्य छात्राओं के वकील मोहम्मद ताहिर ने राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में चल रहे विधान सभा चुनावों का हवाला देते हुए कोर्ट में कहा है कि राजनीतिक दल इस विवाद का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मोहम्मद ताहिर ने कोर्ट में दाखिल आवेदन में कहा है कि राजनीतिक दल हिजाब विवाद का इस्तेमाल एक दूसरे के खिलाफ समुदायों का ध्रुवीकरण और उनके बीच नफरत पैदा करने के लिए कर रहे हैं। आवेदन में यह भी चेतावनी दी गई है कि किसी भी व्यक्ति का कोई भी शरारती कार्य सांप्रदायिक विभाजन को और भड़का सकता है।

बेंगलुरु: हिजाब के पक्ष में याचिका दायर करने वाली याचिकाकर्ता लड़कियों ने सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय से गुजारिश की कि उनको स्कूली ड्रेस के रंग से मैच करता हुआ इस्लामी हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति दी जाए। शांति, सद्भाव और कानून-व्यवस्था को भंग करने वाले किसी भी कपड़े के इस्‍तेमाल को प्रतिबंधित करने वाले सरकारी आदेश को अदालत में चुनौती देने वाली लड़कियों की हाईकोर्ट से इस अपील के बाद राज्‍य में जारी हिजाब विवाद में नया ट्विस्‍ट आ गया है।

लड़कियों ने कर्नाटक उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पूर्ण पीठ के समक्ष याचिका दायर की। मालूम हो कि यह पीठ राज्‍य सरकार को कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। उडुपी की सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कालेज की लड़कियों की ओर से पेश अधिवक्ता देवदत्त कामत अदालत से कहा कि केंद्रीय स्कूल मुस्लिम लड़कियों को स्‍कूली ड्रेस के रंग का हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति देते हैं और राज्‍य में भी ऐसा किया जा सकता है।

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