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बेंगलुरू: कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच राज्य सरकार ने स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोलने का फैसला लिया है। राज्य में सोमवार 14 फरवरी से हाई स्कूल खोले जाएंगे जबकि कॉलेज को खोलने का फैसला बाद में लिया जाएगा। हिजाब को लेकर जारी विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने बुधवार को राज्य के सभी हाई स्कूल और कॉलेजों को अगले तीन दिनों तक बंद करने का आदेश दिया था।

गुरुवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई भी की। हाई कोर्ट को छात्रों से कहा कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता तब तक वे शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में ऐसा कोई वस्त्र पहनने पर जोर नहीं दें जिससे लोगों को उकसाया जा सके। अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार के लिए निर्धारित करते हुए यह भी कहा कि शैक्षणिक संस्थान छात्र-छात्राओं के लिए कक्षाएं फिर से शुरू कर सकते हैं। बुधवार को गठित मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, जस्टिस जे एम काजी और जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि वह चाहती है कि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जाए लेकिन उस समय तक शांति और सद्भावना बनाए रखनी चाहिए।

बेंगलुरु: हिजाब विवाद मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश द्वारा गठित तीन जजों की बेंच गुरुवार को सुनवाई करेगी। हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई हुई थी। लेकिन एकल न्यायाधीश ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के पास इस राय के साथ भेज दिया था कि मुख्य न्यायाधीश मामले पर गौर करने के लिए बड़ी पीठ के गठन का फैसला कर सकते है। न्यायमूर्ति दीक्षित ने आदेश में कहा, ‘‘पीठ का यह विचार है कि अंतरिम अर्जियों को भी बड़ी पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए, जिसका गठन मुख्य न्यायाधीश अवस्थी द्वारा किया जा सकता है।''गौरतलब है कि राज्य के उडुपी जिले के सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाली कुछ मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब के साथ कक्षाओं में प्रवेश पर रोक के खिलाफ याचिका दायर की है।

न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा, ‘‘ऐसे मुद्दे जिन पर बहस हुई और महत्वपूर्ण सवालों की व्यापकता को देखते हुए अदालत का विचार है कि मुख्य न्यायाधीश को यह तय करना चाहिए कि क्या इस विषय के लिए एक बड़ी पीठ का गठन किया जा सकता है।''

बेंगलुरू: देश में हिजाब का मामला अब और गर्माता जा रहा है। हिजाब मामले पर आज कर्नाटक हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। स्कूल और कालेज मुस्लिम लड़कियों को कक्षा में हिजाब नहीं पहनने का आदेश दे सकते हैं या नहीं, इस पर फैसला कर्नाटक हाई कोर्ट ने बुधवार को एक बड़ी पीठ को दिया है। कर्नाटक हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति कृष्णा दीक्षित की एकल पीठ ने कालेजों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं को एक बड़ी पीठ के पास भेजा है। न्यायाधीशों ने मामले को कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाले न्यायाधीशों के एक पैनल को संदर्भित करते हुए कहा कि ये मामले व्यक्तिगत कानून के कुछ पहलुओं के मद्देनजर मौलिक महत्व के कुछ संवैधानिक प्रश्नों को जन्म देते हैं।

वहीं, इसके पहले कर्नाटक सरकार में मंत्री वी. सुनील कुमार ने कहा कि हमें हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करना चाहिए। पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री सुनील कुमार ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि अगर यह सत्ता में आती है, तो कांग्रेस के नेता हिंदुओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर देंगे।

बेंगलुरु: कर्नाटक में शैक्षणिक संस्‍थानों में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। विवाद बढ़ने के चलते राजधानी बेंगलुरू में पुलिस ने शिक्षण संस्‍थानों के नजदीक सभी तरह के जमावड़ों और प्रदर्शनों को दो सप्‍ताह के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। गौरतलब है कि मंगलवार को राज्‍य के मुख्‍यमंत्री बासवराज एस बोम्‍मई ने शांति और सद्भाव बहाली के लिए सभी हाईस्‍कूल और कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद करने की घोषणा की थी। हिजाब पर लगी रोक पर सवाल उठाते हुए उडुपी के सरकारी कॉलेज की पांच महिलाओं की ओर से कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कर्नाटक हाईकोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई हुई। हालांकि हाईकोर्ट ने इस केस को बड़ी बेंच में सुने जाने की सिफारिश की है। जस्टिस दीक्षित की बेंच ने यह अनुशंसा की है।

कोर्ट ने मामले में संबंधित पक्षों से मंगलववार को शांति बनाए रखने की अपील की थी। कोर्ट ने कहा था, "मामले की आगे की सुनवाई तक, यह न्यायालय छात्र समुदाय और जनता से शांति और शांति बनाए रखने का अनुरोध करता है।

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