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बेंगलुरु: सत्तारूढ़ भाजपा कर्नाटक राज्य विधानमंडल के उच्च सदन के रूप में माने जाने वाले विधान परिषद के चुनावों में साधारण बहुमत हासिल करने में विफल रही है। पार्टी 11 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही और कांग्रेस को भी इतनी ही सीटों पर जीत मिली। क्षेत्रीय पार्टी जद (एस) चुनाव में सबसे बड़ी हारने वाली पार्टी बनी। पार्टी केवल दो सीटें जीतने में सफल रही।

भाजपा के पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली के भाई लखन जरकीहोली ने भाजपा नेता महंतेश कवाटागीमठ के खिलाफ चुनाव लड़ा और उन्हें तीसरे स्थान पर धकेल कर जीत दर्ज करने में सफल रहे। 37 सीटों के साथ, भाजपा बहुमत हासिल करने में 75 सदस्यीय परिषद में एक सीट से बराबर ही रह पाई।

हालांकि, परिषद में विधेयकों और नए विधानों को पारित करने के लिए सत्तारूढ़ दल विपक्षी दलों की राय या सहारे पर नहीं रहेगा। बता दें कि ये अंतिम परिणाम मंगलवार मध्यरात्रि तक घोषित किए गए। वर्तमान में, 75 सदस्यीय परिषद में 37 सत्तारूढ़ भाजपा, 26 कांग्रेस, 11 जद (एस) और एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

नवनिर्वाचित सदस्य वर्तमान सदस्यों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद, 5 जनवरी के बाद कार्यभार संभालेंगे।

सबसे अमीर कांग्रेस उम्मीदवार यूसुफ शरीफ उर्फ स्क्रैप बाबू, जिन्होंने 1,753 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की, वे बेंगलुरु शहरी से भाजपा उम्मीदवार एच.एस. गोपीनाथ से हार गए।

भाजपा की ताकत 26 से 37 हो गई है और कांग्रेस की सीटें 29 से 26 हो गई हैं। जद (एस) 13 से घटकर 11 सीटों पर आ गई।

11 परिषद सदस्यों का कार्यकाल अगले साल जून तक समाप्त हो जाएगा और परिषद में फिर से समीकरण बदलने जा रहे हैं। बेलागवी में सत्तारूढ़ भाजपा की हार पार्टी नेताओं के लिए अच्छी बात नहीं है, क्योंकि वह एक सीट से बहुमत हासिल करने से चूक गई और बेलगावी को भाजपा का गढ़ माना जाता है।

जिले से 13 विधायक, 2 सांसद और एक राज्यसभा सदस्य होने के बावजूद इस हार से पार्टी को भारी शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने राज्य भाजपा को चुनौती दी है कि वह पूर्व मंत्री रमेश जरकीहोली के खिलाफ बेलगावी में भाजपा उम्मीदवार की हार की पृष्ठभूमि में कार्रवाई शुरू करे। बता दें कि चुनाव 10 दिसंबर को हुए थे।

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