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बेंगलूरू: महादयी जल विवाद अधिकरण के अंतरिम आदेश के विरोध में कन्नड़ समर्थक और किसान संगठनों द्वारा आहूत बंद के कारण कर्नाटक में आज सामान्य जन जीवन प्रभावित हुआ। आदेश में पेय जल परियोजनाओं के लिए राज्य की 7.56 घन फुट (टीएमसीएफटी) पानी की मांग को ठुकरा कर दिया गया है। बंद के कारण परिवहन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, क्योंकि परिवहन कर्मियों की कई यूनियनों, ऑटो रिक्शा और कैब यूनियनों ने बंद का समर्थन किया है।फिल्म थिएटर, होटल, रेस्तरां और मॉल बंद के समर्थन में बंद रहे। वहीं कुछ स्कूलों तथा कॉलेजों ने आज छुट्टी का ऐलान किया है। हुबली-धारवाड़ जिले के यमानुर गांव में पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और रेपिड एक्शन फोर्स की चार-चार कंपनियां तथा कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) के कर्मियों को पर्याप्त संख्या में ‘मुंबई-कर्नाटक’ क्षेत्र में तैनात किया गया है। स्थिति की निगरानी के लिए पुलिस के चार आला अफसर हुबली-धारवाड़ में डेरा डाले हुए हैं। बेंगलूरू में, प्रदर्शनकारी टाउन हॉल सर्किल से फ्रीडम पार्क तक विशाल मार्च निकालने के लिए टाउन हॉल पर इकट्ठा हुए। कन्नड़ फिल्म उद्योग ने भी ने बंद का समर्थन किया है।

कर्नाटक फिल्म चैम्बर ऑफ कॉमर्स (केएफसीसी) के अध्यक्ष एस आर गोविंदू ने फिल्म बिरादरी से गुजारिश की है कि वे दिन में विरोध मार्च में हिस्सा लें। गोविंदू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह मामले में हस्तक्षेप करें और विवाद में उलझे दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाकर अदालत के बाहर समझौते के लिए काम करें।

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