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बेलगावी (कर्नाटक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह में दूसरी बार कहा कि वह कालाबाजारी और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के अपने अभियान से प्रभावित लोगों के आंखों की किरकिरी बन गए हैं। विभिन्न मुद्दों पर अपनी सरकार के निशाने पर आने के बाद मोदी ने शनिवार को यह भी कहा कि विपक्ष ने कई मुद्दों पर बात की लेकिन उनकी सरकार के खिलाफ तब से भ्रष्टाचार के एक भी आरोप नहीं लगे हैं जब से वह प्रधान सेवक के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने खाद के क्षेत्र में कालाबाजारी और भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया है। उन्होंने किसानों से सिर्फ नीम कोटेड यूरिया का इस्तेमाल करने को कहा है और अपनी आय बढ़ाने के लिए नयी फसल बीमा लेने को कहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि सभी किसानों को 2017 तक मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिलेगा।

किसानों तक पहुंचने के भाजपा के राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत एक किसान रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पहले यूरिया की कालाबाजारी हुआ करती थी और किसानों को यूरिया हासिल करने के लिए लाठी चार्ज का सामना करना पड़ता था लेकिन अब स्थिति बदल गई है क्योंकि सरकार ने उत्पादन बढ़ाने और यूरिया के डाइवर्जन पर अंकुश लगाने पर ध्यान केंद्रित किया है। मोदी ने कहा कि उन्हें इस साल राज्यों से खाद की मांग को लेकर कोई पत्र नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘हमने भ्रष्टाचार और यूरिया की कालाबाजारी को खत्म करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। यही कारण है कि इनमें से कुछ लोग मेरे खिलाफ चिल्लाते रहते हैं। वे निश्चित तौर पर मोदी से नाराज होंगे क्योंकि कालाबाजारी पर अंकुश लगा दिया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘मोदी उनके आंख की किरकिरी है क्योंकि जिस भ्रष्टाचार में पिछले 60 साल से वे संलिप्त थे उसपर रोक लग गई है।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने मुफ्त की मलाई खाई हुई है और वह अब बंद हो गयी है। यह कारण है।’ आलोचक एनजीओ और कालाबाजारी करने वालों पर हमला करते हुए मोदी ने रविवार को उनपर उनकी सरकार को अस्थिर करने और उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया था और उन्होंने कहा था कि वह अपना काम इन साजिशों के आगे झुके बिना करते रहेंगे।’ मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले किसानों से किए गए अपने वादे की याद दिलाई कि जब तक वह यहां हैं कोई भी दिल्ली के खजाने पर अपना हाथ नहीं डाल पाएगा। उन्होंने कहा, ‘आज हम खाद के क्षेत्र में गड़बड़ियों को रोकने में सक्षम हुए हैं और नीम कोटेड यूरिया लाए हैं।’ मोदी ने यह भी कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था में अगर उम्मीद की किरण है तो वह भारत है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीबों के जीवन और गांवों का कायाकल्प करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने भारत के उम्मीद की किरण होने की अपनी बात के समर्थन में विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और विभिन्न एजेंसियों की रेटिंग का हवाला दिया। मोदी ने कहा कि चाहे यह विश्व बैंक हो या आईएमएफ या विश्व की रेटिंग एजेंसियां सभी एक सुर में कह रही हैं कि अगर कोई देश जहां उम्मीद की किरण है तो वह उम्मीद की किरण भारत है। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था खराब हालत में है। यहां तक कि वे देश जो खुद को विशेषज्ञ बताते हैं वे भी आर्थिक समस्या से गुजर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि सुस्ती के वातावरण को बाधित करने की बजाय भारत संवृद्धि में तेजी से उन्नति कर रहा है।

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