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अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में एक महिला पुलिस उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) पर दुष्कर्म के आरोपी से 35 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। मामला सामने आने के बाद महिला उप निरीक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया जहां से उसको तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।  आरोपी महिला उप निरीक्षक श्वेता जड़ेजा अहमदाबाद के महिला पुलिस स्टेशन की इंचार्ज थी। श्वेता जड़ेजा पर दुष्कर्म के आरोपी से 35 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी।

एफआईआर के मुताबिक अहमदाबाद की एक निजी कंपनी की दो महिला कर्मचारियों ने कंपनी के प्रबंध निदेशक केनल शाह के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के दौरान महिला पुलिस थाने की इंचार्ज श्वेता जड़ेजा ने आरोपी से 35 लाख रुपये रिश्वत की मांग की और कहा कि अगर पैसे नहीं दिए तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्वेता जड़ेजा ने केनल शाह के भाई भावेश को बुलाकर रिश्वत की मांग की और 20 लाख रुपये में दोनों पक्ष राजी हो गए। रिश्वत की रकम श्वेता जड़ेजा के किसी पहचान वाले को पहुंचा दी गई।

अहमदाबाद: गुजरात में पांच साल के अनुभव वाले नि:शस्त्र पुलिस कांस्टेबलों को ऐसे मामूली आपराधिक मामलों की जांच करने का अधिकार दिया गया है। गुजरात पुलिस के कांस्टेबल अब अधिकतम पांच साल तक की जेल की सजा के प्रावधान वाले केसों की जांच कर सकेंगे। राज्य सरकार ने एक अधिसूचना के जरिए शुक्रवार को इस फैसले की घोषणा की।

सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नि:शस्त्र कांस्टेबलों को जांच का अधिकार देने से आपराधिक मामलों के जल्दी निस्तारण में न केवल पुलिस को मदद मिलेगी बल्कि इससे निचले क्रम के कर्मियों का मनोबल भी ऊंचा होगा। विज्ञप्ति में कहा गया है, ''पांच साल के अनुभव वाले नि:शस्त्र कांस्टेबलों को ऐसे मामलों की जांच के लिए अधिकारसंपन्न हैं जिनमें पांच साल तक की जेल की सजा होती है।

सूरत: गुजरात के सूरत में नगर निकाय के एक अस्पताल के तलघर में स्थापित कोविड-19 इकाई में भर्ती 65 रोगियों के लिए उस वक्त परेशानी खड़ी हो गई जब एक भूमिगत टंकी से पानी बाहर निकलने लगा और पूरे तल में पानी भर गया। एक अधिकारी ने रविवार (28 जून) को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह घटना शनिवार देर रात हुई और उसके तुरंत बाद उसे ठीक कर दिया गया। हालांकि, वार्ड में पानी भरा होने के वीडियो कुछ समय बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

सूरत नगर निगम के उपायुक्त (स्वास्थ्य) डॉ आशीष नाइक ने पुष्टि की कि एसएमआईएमईआर अस्पताल की बहु-स्तरीय पार्किंग में स्थापित कोविड इकाई में कोरोना वायरस के 65 रोगी हैं। नाइक ने कहा, ''एक भूमिगत टंकी से पानी बाहर निकलने लगा और तलघर में थोड़ी देर के लिए पानी भर गया। पानी को बाहर निकाल दिया गया और आधे घंटे के भीतर समस्या हल हो गई।" इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने वीडियो साझा किया और विजय रूपाणी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने जो दावा किया वह ''नकली गुजरात" मॉडल है।

नई दिल्ली: गुजरात के सूरत में महिला बैंक कर्मी से मारपीट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बैंक परिसर में हुई मारपीट से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मामले को संज्ञान में लिया है।  निर्मला सीतारमण ने जिले के कलेक्टर को मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। महिला पर हाथ उठाने वाला आरोपी सूरत सिटी पुलिस का सिपाही है। जानकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार को हुई। मंगलवार देर रात आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।

तत्काल कार्रवाई के निर्देश 

मामले को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संज्ञान में लिया और सूरत कलेक्टर को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इस संदर्भ में सीतारमण ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि, 'महिला बैंक कर्मी के साथ बदसलूकी मामले में सूरत के कलेक्टर डॉक्टर धवल पटेल से बात की गई है। वह फिलहाल छुट्टी पर हैं लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया है कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।' 

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