अहमदाबाद: गुजरात में पांच साल के अनुभव वाले नि:शस्त्र पुलिस कांस्टेबलों को ऐसे मामूली आपराधिक मामलों की जांच करने का अधिकार दिया गया है। गुजरात पुलिस के कांस्टेबल अब अधिकतम पांच साल तक की जेल की सजा के प्रावधान वाले केसों की जांच कर सकेंगे। राज्य सरकार ने एक अधिसूचना के जरिए शुक्रवार को इस फैसले की घोषणा की।
सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नि:शस्त्र कांस्टेबलों को जांच का अधिकार देने से आपराधिक मामलों के जल्दी निस्तारण में न केवल पुलिस को मदद मिलेगी बल्कि इससे निचले क्रम के कर्मियों का मनोबल भी ऊंचा होगा। विज्ञप्ति में कहा गया है, ''पांच साल के अनुभव वाले नि:शस्त्र कांस्टेबलों को ऐसे मामलों की जांच के लिए अधिकारसंपन्न हैं जिनमें पांच साल तक की जेल की सजा होती है।
गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा ने इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि इससे जांच की गुणवत्ता बेहतर होगी।