गांधीनगर: इशरत जहां मुठभेड़ मामले में जमानत पर जेल से बाहर आए सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डी जी वंजारा नौ वर्ष के बाद घर लौटे और सार्वजनिक जीवन में प्रवेश का ऐलान किया। वंजारा का उनके परिवार और शुभचिंतकों ने भव्य स्वागत किया। वह इशरत जहां, सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति की कथित फर्जी मुठभेड़ों के मामले में मुख्य आरोपी हैं। सीबीआई अदालत ने पिछले सप्ताह उनको गुजरात में प्रवेश की इजाजत देते हुए जमानत की शर्तों में ढील दी। यहां टाउन हाल में आयोजित स्वागत समारोह में वंजारा ने कहा कि यह उनके सार्वजनिक जीवन की शुरुआत है और वह लोगों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे। क्रिकेट की शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए वंजारा ने कहा, ‘मैं रिटायर्ड हूं, पर टायर्ड नहीं हूं। मेरी पहली पारी पूरी हो चुकी है, लेकिन मेरी दूसरी और सबसे महत्वपूर्ण पारी अब शुरू हुई है। अब तक मैं फील्डिंग कर रहा था। अब मेरे हाथ में बल्ला है। मैं बल्लेबाजी करूंगा और जिन लोगों ने मेरे एवं दूसरे निर्दोष अधिकारियों के खिलाफ साजिश रची है उनको फील्डिंग करनी होगी।
मैं उन्हें दौड़ा दूंगा।’