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रांची: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि केन्द्र को बिहार में बाढ़ और सूखे की स्थितियों को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और राज्य को दस हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करानी चाहिए। बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर शनिवार को 97 हो गई और बाढ़ से 12 जिलों के 69 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं।

तेजस्वी यादव ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘बिहार बाढ़ और सूखे दोनों स्थितियों की चपेट में है। केन्द्र को इन स्थितियों को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए और राज्य को 10,000 करोड़ रुपये दिये जाने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य का दौरा करना चाहिए।’ बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने राजद के वरिष्ठ नेताओं शिवानंद तिवारी और रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ यहां राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मुलाकात की।

रांची: अदालत ने रिचा भारती की जमानत की शर्तों में सुधार करते हुए पांच कुरान बांटने के पहले के आदेश को हटा दिया है, अन्य शर्तें पूर्ववत रहेगी। पांच कुरान बांटने की सशर्त मिली जमानत पर पिछले दिनों विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध किया था। इस मामले में अधिवक्ता भी उग्र थे। बुधवार को मामले के जांच अधिकारी विनोद राम ने सहायक लोक अभियोजक मिनाक्षी कंडुलना के माध्यम से न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में आवेदन देकर अनुरोध किया कि पांच कुरान बांटने के आदेश को हटाया जाए। क्योंकि इस आदेश के कार्यान्वयन में कठिनाईयां आ रही है। अदालत ने जांच अधिकारी के अनुरोध पर पांच कुरान दान करनेवाली शर्त को 15 जुलाई को जारी आदेश से हटा दिया गया। अन्य शर्त को बरकरार रखा।

क्या थी  सशर्त जमानत 

रिचा भारती को 15 जुलाई को सशर्त जमानत मिली थी। जिसमें एक शर्त पांच कुरान दान करना शामिल था। इसमें से एक कुरान सूचक सदर अंजुमन कमेटी पिठोरिया के मंसूर खालिफा को देना होगा।

रांची: लालू प्रसाद को चारा घोटाले के देवघर मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जमानत दे दी लेकिन दो अन्य मामलों में जमानत न मिलने के कारण वह जेल से रिहा नहीं हो सकेंगे। लालू प्रसाद की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह ने सुनवाई की और उन्हें राहत प्रदान की। अदालत ने आधी सजा काटने के आधार पर उन्हें जमानत दी है।

देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू को साढ़े तीन साल की मिली है। इसी मामले में उन्होंने जमानत मांगी थी। फिलहाल दो मामलों में सजा होने की वजह से लालू को जेल में ही रहना होगा।

रांची: झारखंड हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित छह लोगों की सजा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सीबीआई की ओर से दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई से इंकार कर दिया। दरअसल, इस पीठ में शामिल एक न्यायाधीश ने कहा कि वह चारा घोटाले के एक मामले में सीबीआई के वकील रह चुके हैं। न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह और के पी देव की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई से इंकार कर दिया और मामले को दूसरी पीठ में भेजने का निर्देश दिया। मंगलवार को जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो उसी दौरान न्यायमूर्ति के पी देव ने कहा कि वह सीबीआई के वकील रह चुके हैं, इसलिए वह इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर रहे हैं। इसके बाद खंडपीठ ने इस मामले को दूसरी पीठ के पास भेजने का निर्देश दिया।

देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत से लालू प्रसाद, आर के राणा, बेक जूलियस, महेश प्रसाद, फूलचंद्र सिंह और सुबीर कुमार भट्टाचार्य को साढ़े तीन साल की कैद की सजा सुनाई गयी थी।

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