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चेन्नई: चेन्नई के एक प्रकाशक ने मंगलवार को कहा था कि एक चुनावी उड़नदस्ते ने राफेल रक्षा सौदे पर एस विजयन लिखित एक किताब की रिलीज पर रोक लगाई और किताब की सैकड़ों प्रतियां जब्त कर लीं। वहीं, मंगलवार की शाम जब राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सत्यब्रत साहू ने स्पष्ट किया कि न तो चुनाव आयोग और न ही उनके कार्यालय से ऐसे कोई निर्देश जारी किए गए हैं।

बता दें कि 46 पृष्ठों की की इस किताब का नाम 'राफेल: लॉन्ड्रिंग ऑफ दि नेशन' है। साहू ने कहा कि उन्होंने जिला चुनाव अधिकारी को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण देने के बाद प्रकाशक ने कहा कि किताब को भारती पुस्तकालय में रिलीज किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'हमने यह भी सुना है कि चुनाव आयोग ने एक विज्ञप्ति भी जारी की है जो यह कहती है कि किताब की रिलीज पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।' इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार और दि हिंदू के चेयरमैन एन राम आज एस विजयन द्वारा लिखी 'राफेल: दि स्कैम दैट रॉक्ड द नेशन' (राफेल : घोटाला जिसने देश को हिला दिया) नामक किताब का विमोचन करने वाले थे। एन राम खुद इस सौदे पर कई रिपोर्ट लिख चुके हैं।

एस विजयन की इस किताब की रिलीज के लिए प्रकाशकों (भारती प्रकाशन) ने एक स्कूल से संपर्क किया था। लेकिन, स्कूल ने चुनाव आयोग द्वारा दर्शाई गई आपत्ति का हवाला देते हुए अनुमति देने से मना कर दिया। इसके बाद भारती प्रकाशन ने अपने कार्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया। लेकिन, कथित चुनाव अधिकारी वहां पहुंच गए और किताब की प्रतियां जब्त कर लीं। जानकारी के अनुसार किताब की 142 प्रतियां भी जब्त की गईं।

प्रकाशन के संपादक पीके राजन ने इसे पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा था कि किताब की रिलीज आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि हम अदालत जाएंगे और किताब रिलीज करवा कर रहेंगे।

राफेल को लेकर विपक्ष रहा है आक्रामक

राफेल को लेकर कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ शुरू से ही आक्रमक रही है। कांग्रेस ने राफेल को प्रमुख मुद्दा बनाया है और हर स्तर पर भारतीय जनता पार्टी को इसी मुद्दे पर घेर रही है चाहे वह संसद हो या फिर सड़क। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी हर रैलियों और भाषणों में राफेल के मुद्दे को उठा रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उद्योगपति अनिल अंबानी के ‘बिचौलिए’ की तरह काम करने और सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाए थे। इसके साथ ही कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भी यह वादा किया है कि सरकार आने पर वह राफेल समेत बीते पांच साल में हुए सभी सौदों की जांच कराएगी।

क्या है राफेल विमान?

राफेल विमान फ्रांस की दसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। राफेल लड़ाकू विमानों को ओमनिरोल विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध के समय अहम रोल निभाने में सक्षम हैं। हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खूबियां हैं।

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