चेन्नई: सत्ता में आने पर पूर्ण शराब बंदी का विपक्ष की ओर से वादा किए जाने के बीच, एआईएडीएमके सुप्रीमो और मुख्यमंत्री जे जयललिता ने शनिवार को तमिलनाडु में चरणबद्ध तरीके से शराब बंदी लागू करने का आश्वासन दिया। प्रतिबंध का समर्थन करने के लिए चिर-प्रतिद्वंद्वी डीएमके प्रमुख एम करूणानिधि पर तीखे वार करते हुए उन्होंने कहा कि 1971 में उन्होंने ही शराब बंदी कानून में ढील दी थी और मुद्दे को अब राजनीतिक कारणों से उछाल रहे हैं। उनकी इस घोषणा का लोगों ने जमकर समर्थन किया। पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए जयललिता ने कहा, 'मतदाताओं सुनिए, प्रतिबंध 1937 में सलेम में शुरू हुआ और चरणबद्ध तरीके से होते हुए 30 जनवरी 1948 को तमिलनाडु में पूर्ण-प्रतिबंध लागू हुआ।' जयललिता ने कहा कि शराब पर प्रतिबंध में ढील अगस्त 1971 में करूणानिधि सरकार ने ही दी थी।' तमिलनाडु में शराब बिक्री से 30 हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमेशा मेरी नीति पूर्ण प्रतिबंध लागू करने की रही। हालांकि यह एक हस्ताक्षर की मदद से नहीं किया जा सकता।
यह चरणबद्ध तरीके से ही किया जा सकता है। 1971 में डीएमके सरकार शराब लेकर आई और वह पीढ़ियों से तमिलनाडु में मिल रही है। इसलिए इससे एक दिन में छुटकारा नहीं मिल सकता। पहले कदम के रूप में शराब बेचने वाले दुकानों के खुलने का समय कम किया जाएगा और फिर उनकी संख्या कम की जाएगी।'