हैदराबाद (जनादेश ब्यूरो: तेलंगाना में भाजपा ने आज एआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी को राज्य विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने पर आपत्ति जताते हुए नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ समारोह का बहिष्कार किया। प्रोटेम स्पीकर को नए विधायकों को शपथ दिलाने का काम सौंपा गया है। तेलंगाना में चुनाव खत्म हो गए हैं, लेकिन राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है।
"एआईएमआईएम के सामने कभी शपथ नहीं लूंगा": राजा सिंह
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में गोशामहल से जीतने वाले भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने एक वीडियो मैसेज में कहा कि वह "जब तक जीवित हैं, एआईएमआईएम के सामने कभी शपथ नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद ही वह शपथ लेंगे। उन्होंने पूछा, "क्या मैं उस व्यक्ति (अकबरुद्दीन औवेसी) के सामने शपथ ले सकता हूं, जिसने कई हिंदू विरोधी टिप्पणियां की थीं?"
चुनाव में बीजेपी ने आठ सीटें जीती हैं। राज्य इकाई के प्रमुख जी किशन रेड्डी ने कहा कि भाजपा, औवेसी की नियुक्ति के खिलाफ है, क्योंकि यह वरिष्ठ विधायकों को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की परंपरा के खिलाफ है।
उन्होंने मीडिया से कहा, "भाजपा विधायक इस प्रोटेम स्पीकर के समक्ष शपथ लेने का बहिष्कार करेंगे। हमारे विधायक स्पीकर नियुक्त होने के बाद शपथ लेंगे। हम ऐसी पार्टी (एआईएमआईएम) के साथ कभी गठबंधन नहीं करेंगे। हम इस पर राज्यपाल के पास जाएंगे।"
सीएम एआईएमआईएम से डरते हैं...?
राजा सिंह ने 2018 में भी शपथ लेने से इंकार कर दिया था, क्योंकि तब नियुक्त प्रोटेम स्पीकर भी एआईएमआईएम से था। औवेसी के शनिवार को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ लेने और फिर आज निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने की उम्मीद थी। सिंह ने आरोप लगाया कि तेलंगाना के नए मुख्यमंत्री कांग्रेस के रेवंत रेड्डी अपने पूर्ववर्ती के.चंद्रशेखर राव की तरह एआईएमआईएम से डरते हैं और इसीलिए उन्होंने औवेसी को प्रोटेम स्पीकर बनने की अनुमति दी है।
क्या है प्रोटोकॉल
प्रोटोकॉल के मुताबिक, विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। ओवैसी छठी बार चंद्रयानगुट्टा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा (संयुक्त आंध्र विधानसभा सहित) के लिए चुने गए। हालांकि, सिंह ने दावा किया कि कई वरिष्ठ विधायक हैं, जिन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता था, लेकिन नए मुख्यमंत्री अल्पसंख्यकों और एआईएमआईएम नेताओं को खुश करने की कोशिश कर रहे थे।