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नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि यदि उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू अपना काम नहीं करना चाहते हैं, तो वह कुछ कर नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री को धान की फसल के अहम सीजन के दौरान काम छोड़कर जाने के बजाय अपने नये विभाग को स्वीकार करना चाहिए था। उन्होंने दोहराया कि सिद्धू को काम दिया था जिसे उन्हें स्वीकार करना चाहिए था और करना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘ यदि सिद्धू काम नहीं करना चाहते तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता।’’

मुख्यमंत्री ने सवाल दागा कि कैसे कोई सैनिक, जनरल द्वारा उसे दिये गये कार्य को करने से इनकार कर सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को प्रभावी तरीके से काम करना है तो उसमें कुछ अनुशासन तो होना ही चाहिए। सिद्धू पंजाब के कैबिनेट मंत्री पद से अपना इस्तीफा घोषित कर चुके हैं। उन्होंने 10 जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गये त्यागपत्र को सार्वजनिक कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह अपना त्यागपत्र शीघ्र ही मुख्यमंत्री को भी भेजेंगे। सिद्धू ने सिंह के साथ चल रही तनातनी के बीच इस्तीफा दिया।

नई दिल्ली: नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इसको लेकर उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है। नवोजत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करते हुए राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी शेयर की है। चिट्ठी शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि उन्होंने 10 जून को राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी थी। गौरतलब है कि पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू अपनी ही सरकार के लिए किरकिरी बन गए थे। दरअसल उनके खिलाफ भाजपा नेता तरूण चुग ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि उन्होंने मंत्री पद की शपथ तो ले ली है, लेकिन अभी तक कार्यभार नहीं संभाला है फिर भी वह मंत्री के रूप में मिलने वाली सैलरी और भत्तों का पूरा मजा ले रहे हैं।

चिट्ठी में लिखा गया था कि सिद्धू और सीएम के बीच विवाद ने संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है। तरुण चुग ने आगे कहा था कि उन्होंने राज्यपाल से अपील की है कि अगर पंजाब के हित में कोई फैसला करें, अगर मंत्री काम नहीं करना चाहते हैं तो कोई और उनकी जगह पर विभाग देखे। इसके साथ ही अगर वह बिना काम के सैलरी उठा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

पटियाला: पटियाला की सांसद परनीत कौर शनिवार को यहां अपने संसदीय क्षेत्र में प्लास्टिक सफाई अभियान के दौरान बेहोश हो गईं। पुलिस ने यह जानकारी दी। कांग्रेस सांसद और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत प्लास्टिक सफाई के लिये स्वच्छता श्रमदान अभियान को हरी झंडी दिखाने पहुंचीं थीं तभी वह बेहोश हो गईं।

सांसद ने बाद में अपने फेसबुक पेज पर कहा कि उन्होंने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत सफलतापूर्वक यह अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा, “इस पहल के तहत हम पटियाला को पॉलीथीन मुक्त बना रहे हैं। मैं आप सभी से इस अभियान में शामिल होने और आस-पास स्वच्छता रखने के लिये साथ आने का अनुरोध करती हूं।”

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक गैर कानूनी संगठन के रूप में एसएफजे पर केंद्र द्वारा पाबंदी लगाए जाने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत विरोधी अलगाववादी कार्रवाई के खिलाफ यह उचित कदम उठाया गया है। इस संगठन से एक आतंकवादी संगठन के तौर पर सुलूक किए जाने की जरूरत है लेकिन केंद्र सरकार ने कम से कम यह फैसला तो लिया। इस संगठन ने हाल के दो साल के दौरान पंजाब में खुलकर दहशत की लहर चलाई है।

कैप्टन ने कहा कि पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से 2014 में सिख रेफरेंडम-2020 की साजिश शुरू की गई थी। एसएफजे की गैर कानूनी गतिविधियों ने देश को बड़ी चुनौती दी है। हाल के वर्षों के दौरान एसएफजे ने पंजाब में आगजनी और हिंसा की गतिविधियां करवाने के लिए कुछ गरीब और भोले भाले नौजवानों को फंड मुहैया कराया था। इस संगठन ने पंजाब में गैंगस्टरों पर और गरमख्यालियों का समर्थन प्राप्त करने की अनेक कोशिशें की और उन्हें भारत सरकार से पंजाब की आजादी की लड़ाई के लिए प्रेरित किया।

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