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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपनी सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए आठ सलाहकार समूहों का गठन किया है, लेकिन उनमें राज्य के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल नहीं किया गया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार सिद्धू और चिकित्सकीय शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री ओम प्रकाश सोनी को किसी भी समूह का हिस्सा नहीं बनाया गया है। इन समूहों में कुछ विधायक और अधिकारी शामिल हैं। सिंह और सिद्धू के बीच टकराव चल रहा है।

बृहस्पतिवार को पंजाब कैबिनेट में हुए फेरबदल में सिद्धू से महत्वपूर्ण स्थानीय शासन, पर्यटन एवं संस्कृति प्रभार ले लिया गया था और उन्हें बिजली तथा नवीन एवं अक्षय ऊर्जा विभाग का प्रभार दिया गया था। सिद्धू ने अपना नया प्रभार अभी तक नहीं संभाला है। इन सलाहकार समूहों को राज्य सरकार के कार्यक्रमों के प्रदर्शन की समीक्षा करने और उन्हें सुधारने के लिए सुझाव देने का अधिकार दिया गया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ये समूह कार्यक्रमों की पहुंच में सुधार और उनमें नागरिकों की हिस्सेदारी के लिए बदलाव के भी सुझाव देंगे।

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट में फेरबदल करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग वापस ले लिया है और उन्हें अब नई जिम्मेदारी सौंप दी है। सिद्धू को पावर एंड न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स का विभाग दिया गया है। इसके अलावा कैप्टन ने सभी राज्य मंत्रियों के विभागों में कुछ बदलाव किए हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट में फेरबदल करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू से स्थानीय निकाय विभाग वापस ले लिया है और उन्हें अब नई जिम्मेदारी सौंप दी है। सिद्धू को पावर एंड न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स का विभाग दिया गया है। इसके अलावा कैप्टन ने सभी राज्य मंत्रियों के विभागों में कुछ बदलाव किए हैं।

बता दें कि इससे पहले सिद्धू ने बागी तेवर दिखाते हुए कैबिनेट बैठक में शिरकत नहीं की और बड़ा बयान देकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 में हार के लिए मैं अकेला जिम्मेदार नहीं हूं। कैप्टन साहब भी मुझे ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि यह सभी की जिम्मेदारी थी।

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संकट में घिरे किसानों का कर्ज राष्ट्रीय स्तर माफ करने की अपील की है। इस पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती के कर्ज की एक बार की माफी इसलिए आवश्यक है कि इससे किसान समुदाय के संकट को कम किया जा सकता है और कृषि को उच्च वृद्धि के रास्ते पर लाया जा सकेगा। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, अमरिंदर सिंह ने खत में लिखा, ''भारत सरकार को एक बार के लिए तो यह कड़वी गोली निगलनी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने लिखा है कि इस बात को व्यापक स्तर पर स्वीकार किया जा रहा है कि देश के अधिकतर अन्नदाता भारी कर्जे के दबाव में है और इसके चलते कुछ किसानों ने आत्महत्या करने जैसा अतिवादी कदम भी उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि पंजाब सरकार ने अपने बूते पर उन सभी लघु और सीमांत किसानों का दो लाख रूपये का कृषि कर्ज माफ कर दिया है जो उन्होंने विभिन्न संस्थाओं से लिया था। 5.52 लाख किसानों को 4,468 करोड़ रूपये की कर्ज सहायता अभी तक प्रदान की चुकी है। शेष को इसमें योजना में पात्रता के अनुरूप राहत निकट भविष्य में प्रदान कर दी जाएगी।

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मांग की है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की शर्तों में ढील दी जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा गरीबों को इसके दायरे में लाया जा सके। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इस मामले में दखल देने की अपील की है। सीएम ने कहा है कि एसईसीसी के अंतर्गत कच्चे मकान की परिभाषा बहुत सीमित रह जाती है। इसके चलते पंजाब के ग्रामीण इलाकों के बहुत से गरीब योग्य परिवार इसके लाभ से वंचित रह जाते हैं। शर्तों में बदलाव के बाद पंजाब में स्कीम का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकेगा।

पीएम के साथ एक सितंबर 2018 को हुई मीटिंग का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि तब मोदी ने पंजाब में स्कीम के निम्न स्तर के प्रदर्शन का जिक्र किया था। सिर्फ नौ माह में ही पंजाब का रैंक 25 से तीसरे स्थान पर आ गया है। उनकी सरकार इसे जारी रखते हुए हर गरीब ग्रामीण परिवार को पक्के घर मुहैया करवाएगी। सीमित नियमों के कारण बड़े पैमाने पर गरीब परिवार इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस समस्या के हल के लिए सीएम ने कच्चे घर की उपयुक्त परिभाषा की सलाह देते हुए कहा कि मौजूदा नियमों में पक्की ईंटें और लकड़ी के बाले भी शामिल किए जाने चाहिए।

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