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चंडीगढ़: पंजाब में कभी न खत्म होने वाले सत्ता संघर्ष के बीच संभावित दलबदल के डर से राज्य की कांग्रेस सरकार ने आज एकता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ हैं और राज्य के समग्र विकास के लिए "ऐतिहासिक पहल" के लिए आभारी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लंबे समय से चली आ रही कांग्रेस में कलह के बाद औपचारिक रूप से कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी नई पार्टी की घोषणा की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में अमरिंदर सिंह ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर हमला किया और कहा कि सोनिया गांधी को यह समझाने के लिए "मनगढ़ंत संख्या" पेश की गई थी कि राज्य के नेताओं का उनको समर्थन हासिल नहीं है। अमरिंदर इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद पंजाब कांग्रेस की बैठक हुई।

अमरिंदर सिंह ने उन मंत्रियों के नाम उजागर करने की भी धमकी दी जो उनके कार्यकाल के दौरान कथित रूप से रेत खनन में शामिल थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस के कई नेता उनके संपर्क में हैं और उनकी नई पार्टी में आ सकते हैं।

चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया। उन्होंने मंगलवार को अपना इस्तीफा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की प्रधान सोनिया गांधी को भेज दिया। इसके साथ ही कैप्टन ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ के गठन का भी एलान कर दिया।

सोनिया गांधी को भेजे आठ पेज के इस्तीफे में कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि मेरे लगातार चेताने और पंजाब के सभी सांसदों की सर्वसम्मति के बावजूद आपने पाकिस्तान प्रेमी एक अनुचर (नवजोत सिंह सिद्धू) को नियुक्त करने का फैसला किया, जिसने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा और इमरान खान को गले लगाया था।

कैप्टन ने ट्वीट किया कि ‘मैंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी को भेज दिया है, जिसमें इस्तीफा देने के कारण भी बताए हैं। ‘पंजाब लोक कांग्रेस नई पार्टी का नाम है, जिसका रजिस्ट्रेशन मुख्य चुनाव आयोग के पास लंबित है और पार्टी चिह्न को भी अभी मान्यता मिलनी है।

चंडीगढ़: कांग्रेस से बातचीत की खबरों के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ किया कि अब इसका समय खत्म हो गया है। कांग्रेस से पर्दे के पीछे बातचीत की खबरें गलत हैं। पार्टी से अलग होने का फैसला काफी सोच-विचार के बाद लिया गया और यह अंतिम है। मैं सोनिया गांधी जी का उनके समर्थन के लिए आभारी हूं लेकिन अब कांग्रेस में नहीं रहूंगा। मैं जल्द ही अपनी पार्टी शुरू करूंगा और किसानों का मुद्दा सुलझने के बाद सीट बंटवारे के लिए भाजपा से बातचीत करूंगा। मैं पंजाब और उसके किसानों के हित में मजबूत सामूहिक ताकत बनाना चाहता हूं।

बुधवार को ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नई पार्टी के साथ अगले विधानसभा चुनाव में उतरने का एलान किया था। चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद चुनाव चिन्ह के साथ नाम की घोषणा की जाएगी। सिद्धू पर निशाना साधते हुए कैप्टन ने कहा था कि सिद्धू जहां से भी लड़ेंगे, हम उनसे लड़ेंगे। समय आने पर हम सभी 117 सीटों पर लड़ेंगे।

पंजाब कांग्रेस में सब सही नहीं चल रहा है। कैप्टन को अनदेखा कर कांग्रेस हाईकमान ने नवजोत सिद्धू को आगे बढ़ाया था।

चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन कृषि कानूनों का समाधान निकालने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को वह कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन को समाप्त कराने के लिए दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। इस दौरान उनके साथ पंजाब के कृषि विशेषज्ञ और कुछ किसान भी मौजूद रहेंगे। 

कैप्टन ने कहा है कि वह इसका समाधान निकाल सकते हैं। अभी तक किसान नेताओं की केंद्र के साथ चार अधूरी बैठकें हुई हैं लेकिन परदे के पीछे दोनों के बीच वार्ता चल रही है। चंडीगढ़ में मंगलवार को एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने इस बात का खुलासा करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के समाधान के लिए कोई पूर्व-निर्धारित फॉर्मूला नहीं हो सकता है, बातचीत के दौरान कुछ सामने आएगा। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और किसान दोनों ही कृषि कानूनों से उत्पन्न संकट का अब समाधान चाहते हैं।

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