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चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के साथ ही पंजाब का राजनीतिक माहौल बदलने लगा है। तमाम अंतरकलह के बावजूद मजबूत दिखाई दे रही कांग्रेस के माथे पर चिंता की लकीर उभर आई है। वहीं, एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन की अटकलबाजी शुरू हो गई है। हालांकि, शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने इन संभावनाओं को सिरे से खारिज किया है। गुरु नानकदेव जी के प्रकाश पर्व वाले दिन प्रधानमंत्री ने जैसे ही कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, उससे किसानों में जहां उत्साह का संचार हुआ। वहीं, राजनीतिक दल अपने-अपने नफे-नुकसान का आंकलन करने में जुट गई।

शिअद और भाजपा के बीच फिर से गठबंधन को लेकर पंजाब में चर्चाएं तेज हुईंं तो सुखबीर सिंंह बादल सामने आए। उन्‍होंने कहा कि, 700 जानें जा चुकी हैं, शहादतें हो गई हैं। यही बात हमने संसद में प्रधानमंत्री से कही थी कि जो आपने काले कानून बनाए हैं उन्‍हें किसान नहीं मानते हैंं। आप ये कानून लेकर मत आएंं। हमने जो बात कही थी वह सच साबित हुईं।

चंडीगढ: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख प्रकाश सिंह बादल ने तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की केन्द्र की घोषणा का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि कोई भी सरकार फिर कभी ‘‘ इतने क्रूर और असंवेदनशील कानून’’ ना बनाए। बादल ने एक बयान में कहा, ‘‘ गुरु पर्व पर किसानों की ऐतिहासिक जीत, इतिहास में दर्ज होने वाला पल।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करने के बाद, बादल ने कहा, ‘‘लोकतांत्रिक सरकारों के इतिहास में यह पहली बार था, जब हितधारकों की राय लिए बिना कठोर और क्रूर कानून बनाए गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी सरकार फिर कभी इतने क्रूर और असंवेदनशील कानून ना बनाए।’’

‘‘किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 किसानों को शहीद’’ बताते हुए बादल ने कहा, ‘‘इन बहादुर योद्धाओं की मृत्यु तथा लखीमपुर खीरी जैसी शर्मनाक और पूरी तरह से टाली जा सकने वाली घटनाएं इस सरकार के चेहरे पर हमेशा एक काला धब्बा बनी रहेंगी।’’

चंडीगढ: पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा को ‘‘सही दिशा में उठाया गया कदम’’ करार दिया। उन्होंने यह भी कहा, ‘‘किसानों के बलिदान का लाभ मिला है।’’

सिद्धू ने कहा, ‘‘काले कानून को निरस्त किया जाना सही दिशा में उठाया गया एक कदम है...किसान मोर्चा के सत्याग्रह को ऐतिहासिक सफलता मिली है...आपके बलिदान का लाभ मिला है...पंजाब में कृषि क्षेत्र के पुनरूद्धार की रूपरेखा पंजाब सरकार की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए...बधाई ।’’

इससे पूर्व आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में इसके लिए समुचित विधायी उपाय किए जाएंगे।

डेरा बाबा नानक (बटाला): कोरोना की वजह से बंद करतारपुर कॉरिडोर बुधवार को 20 महीने बाद श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर नानक नाम लेवा संगत के लिए खोल दिया गया। बुधवार को करतापुर कॉरिडोर से होते हुए कुछ श्रद्धालु पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के लिए रवाना हुए।

पहले दिन 49 लोगों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जिसमें 28 श्रद्धालु दर्शन के लिए गए। इसमें 19 पुरुष और नौ महिलाएं शामिल रहीं। उक्त श्रद्धालुओं ने मंगलवार को ही दर्शनों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, जिन्हें देर शाम को ही दर्शन करने की कानूनी अनुमति मिल गई थी। श्री गुरुद्वारा साहिब के दर्शन के लिए जा रही संगत से बीएसएफ ने पूछताछ की। बीएसएफ के अधिकारियों ने दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं को सिरोपा भेंट कर उन्हें सम्मानित भी किया। गुरदासपुर निवासी देवेंद्र ने कहा कि वह प्रभु के आगे की अरदास करते हैं कि कॉरिडोर ऐसे ही खुला रहे। उन्होंने मंगलवार को रजिस्ट्रेशन करवाया था और मंगलवार रात ही गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने की अनुमति मिल गई।

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