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चंडीगढ़: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को तीन राज्यों की सीमाओं के साथ एक व्यापक बेल्ट पर बढ़ाने के केंद्र के कदम ने पंजाब में एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है। केंद्र के इस कदम ने राज्य में कांग्रेस बनाम कांग्रेस संकट को बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस फैसले पर हमला किया क्योंकि वह अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए थे।

गृह मंत्रालय के एक आदेश के अनुसार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और असम में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किमी से बढ़ाकर 50 किमी की सीमा के भीतर और सीमा के साथ किया जाएगा। इस आदेश के बाद बीएसएफ अमृतसर, तरनतारन और पठानकोट में राज्य पुलिस की शक्तियों को दबाकर क्षेत्र में गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती कर सकती है। स्वर्ण मंदिर पाकिस्तान के साथ अटारी सीमा से लगभग 35 किमी दूर है। इस फैसले पर प्रतिक्रियाओं का अंबार लगने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, "मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं।

चंडीगढ़: ऐसे समय जब अगले वर्ष पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान 'घर' ठीक करने में जुटा है, नवजोत सिंह सिद्धू के 'मिजाज' पार्टी के लिए लगातार परेशानी बढ़ाने का काम कर रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता नवजोत सिद्धू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कांग्रेस के लिए सिद्धू , जिन्‍होंने अभी आधिकारिक तौर पर राज्‍य भाजपा प्रमुख पद से इस्‍तीफा वापस नहीं लिया है, गुरुवार को उस समय मुश्किलें खड़ी करते दिखे जब उन्होंने यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मामले में मोहाली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन की अगुवाई की। कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन के सामने आए विजुअल्‍स में सिद्धू परेशान नजर आ रहे हैं क्‍योकि उन्‍हें सीएम चरमजीत सिंह चन्‍नी के आने का इंतजार करना पड़ा।

कैबिनेट मिनिस्‍टर और करीब सहयोगी परगट सिंह वीडियो में सिद्धू को यह कहते हुए शांत करने की कोशिश कर रहे हैं कि चन्‍नी जल्‍द ही प्रदर्शन में शामिल होंगे। इसी दौरान पंजाब के कार्यकारी अध्‍यक्षों में से एक सुखविंदर सिंह डैनी, सिद्धू से कहते हैं कि विरोध मार्च सफल होगा।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): इससे पहले सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने लखीमपुर की घटना को सीधे तौर पर जलियांवाला बाग हत्याकांड के समान बताया और कहा था कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही जल्द से जल्द होनी चाहिए। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पहुंचे। मुलाकात के दौरान मुख्‍यमंत्री चन्‍नी ने लखीमपुर खीरी मामला समेत कई मुद्दों पर गृह मंत्री से चर्चा की। इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि, ”मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का आग्रह किया। मैंने उनसे ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए पंजाब के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा को सील करने के लिए भी कहा।”

उन्होंने कहा, ”मैंने उनसे यह भी कहा कि हम यूपी (लखीमपुर खीरी) में बर्बर हत्याएं बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे नेताओं को गिरफ्तार करने की यह व्यवस्था बंद होनी चाहिए। मैंने उनसे करतारपुर कॉरिडोर जल्द से जल्द खोलने का अनुरोध किया। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही फैसला लेगी।”

नई दिल्ली: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी नेताओं द्वारा अपने कुप्रबंधन को छिपाने के लिए स्पष्ट झूठ बोला जा रहा है। पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत और वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला द्वारा साझा किए गए कांग्रेस हाईकमान के उनके (अमरिंदर सिंह) खिलाफ आत्मविश्वास की कमी व्यक्त करने वाले एक कथित पत्र को अमरिंदर सिंह ने "गलतियों की कॉमेडी" करार दिया।

कांग्रेस के 79 विधायकों में से 78 ने पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह को हटाने की मांग की थी। अमरिंदर सिंह ने एक बयान में कहा, दिलचस्प बात यह है कि एक दिन पहले ही हरीश रावत ने एक प्रेस बयान में कहा था कि 43 विधायकों ने इस मुद्दे पर आलाकमान को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि पूरी पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू की कॉमिक थियेट्रिक्स की भावना से प्रभावित हो गई है।" आगे वे दावा करेंगे कि 117 विधायकों ने उन्हें मेरे खिलाफ पत्र लिखा है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, "पार्टी में यह स्थिति है। वे अपने झूठ का ठीक से समन्वय भी नहीं कर सकते हैं।" 

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