चंडीगढ़: पंजाब में कभी न खत्म होने वाले सत्ता संघर्ष के बीच संभावित दलबदल के डर से राज्य की कांग्रेस सरकार ने आज एकता का प्रदर्शन करते हुए कहा कि मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ हैं और राज्य के समग्र विकास के लिए "ऐतिहासिक पहल" के लिए आभारी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लंबे समय से चली आ रही कांग्रेस में कलह के बाद औपचारिक रूप से कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी नई पार्टी की घोषणा की। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे अपने पत्र में अमरिंदर सिंह ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर हमला किया और कहा कि सोनिया गांधी को यह समझाने के लिए "मनगढ़ंत संख्या" पेश की गई थी कि राज्य के नेताओं का उनको समर्थन हासिल नहीं है। अमरिंदर इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद पंजाब कांग्रेस की बैठक हुई।
अमरिंदर सिंह ने उन मंत्रियों के नाम उजागर करने की भी धमकी दी जो उनके कार्यकाल के दौरान कथित रूप से रेत खनन में शामिल थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कांग्रेस के कई नेता उनके संपर्क में हैं और उनकी नई पार्टी में आ सकते हैं।
इसके बाद स्वाभाविक रूप से राज्य कांग्रेस में खतरे की घंटी बजी और पार्टी विधायकों और मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री की एक बैठक की व्यवस्था की गई। बैठक में चन्नी ने एकजुट रहने की अपील की।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी करके कहा कि विधायकों और मंत्रियों ने चरणजीत सिंह चन्नी को उनके "साहसिक फैसलों" को लेकर सराहा। बयान में विशेष रूप से एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के मुख्यमंत्री के कदम का उल्लेख किया गया है। जिसमें केंद्र के तीन कृषि कानूनों को समाप्त करने और पंजाब में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की अधिसूचना जारी करने का प्रस्ताव है। बयान में यह भी कहा गया है कि पार्टी नेताओं ने पंजाब में बिजली दरों में कमी की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की है।
राज्य के पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के लगातार आते रहे बयान राज्य सरकार के कई मुद्दों पर रुख के साथ कांग्रेस के लिए एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आए हैं। बैठक में सिद्धू भी उपस्थित थे।
कांग्रेस की बैठक के एक वीडियो में मुख्यमंत्री विधायकों और मंत्रियों से यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि इस सरकार का अभी डेढ़ महीने का कार्यकाल बाकी है और वह यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके सभी सुझावों पर अमल हो। उन्होंने कहा कि "वित्त एक मुद्दा नहीं होगा।" यह उन्होंने सिद्धू को एक स्पष्ट जवाब देते हुए कहा, जिन्होंने हाल ही कहा था कि राज्य को वे "वित्तीय आपातकाल" की ओर जाते देख रहे हैं। वीडियो के अंत में, मुख्यमंत्री ने पार्टी के नेताओं से अपनी ऊर्जा को "सामूहिक रूप से चैनलाइज" करने की अपील की। मुख्यमंत्री की टिप्पणी पार्टी नेताओं को एकजुट रहने के लिए एक संकेत है ताकि वे अपनी स्वायत्तता बनाए रखें और अपने घर को व्यवस्थित करें, ऐसा न करने पर आलाकमान स्थिति पर नियंत्रण कर सकता है।