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नई दिल्ली: सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज अपनी बैठक में एक शीर्ष नियुक्ति को वापस लेने के लिए सहमति व्यक्त की। तीन घंटे तक चली मुलाकात के बाद दोनों नेता मुस्कुराते हुए दिखे। सूत्रों ने कहा, ''सिद्धू साहब मान गए हैं (सिद्धू ने भरोसा कर लिया है)। सूत्रों की मानें तो पंजाब में आगामी चुनाव को देखते हुए और शासन को मजबूत आधार देने के लिए कांग्रेस ने समन्वय समिति गठित करने का भी फैसला लिया है।

सिद्धू मंत्रियों, पुलिस प्रमुख और अटॉर्नी जनरल सहित प्रमुख नियुक्तियों को लेकर नाराज थे। सूत्रों का कहना है कि चन्नी ने कम से कम एक पर सिद्धू की मांग को स्वीकार कर लिया है। सूत्रों ने कहा कि समझौते के ब्योरे का खुलासा दिल्ली में किया जाएगा। जब दोपहर में सिद्धू पटियाला से चंडीगढ़ के लिए गाड़ी से उतरे तो समझौते के संकेत दिखाई दे रहे थे।

मुलाकात से पहले सिद्धू ने ट्वीट किया था, "मुख्यमंत्री ने मुझे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है... आज दोपहर 3:00 बजे पंजाब भवन, चंडीगढ़ पहुंचकर बातचीत होगी, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है!"

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में जारी उथल-पुथल के बीच गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच हुई बैठक में सुलह का रास्ता निकाल लिया गया है। बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं। बैठक में पार्टी नेताओं के बीच आपसी सामन्जस्य बिठाने के लिए एक समन्वय पैनल बनाए जाने पर सहमति बनी है। पंजाब सरकार की ओर से हर बड़े फैसले लेने से पहले इस पैनल से विचार-विमर्श किया जाएगा। इस पैनल में सीएम के साथ-साथ नवजोत सिंह सिद्धू और एआईसीसी के प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं।

मीडिया रिर्पोटस में सूत्रों ने बताया कि इस समिति में मुख्यमंत्री, सिद्धू और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का एक प्रतिनिधि शामिल हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि एआईसीसी इस बाबत घोषणा कर सकती है। हालांकि, इस बारे में अब तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है कि डीजीपी और महाधिवक्ता की नियुक्ति को लेकर उभरे मतभेद से कैसे निपटा जाएगा?

नई दिल्‍ली (जनादेश ब्यूरो): पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पिछले तीन दिनों से दिल्‍ली में सक्रिय हैं। इससे पंजाब की सियासत में हलचल बढ़ गई है। कैप्‍टन अमरिंदर ने बृहस्‍पतिवार को राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। कैप्‍टन की दिल्‍ली में सक्रियता से पंजाब में उनके अगले कदम को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है। उधर, कुछ टीवी चैनलों के अनुसार, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे।

एक टीवी चैनल से बातचीत में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्‍होंने (कांग्रेस नेतृत्‍व) मुझ़े अपमानित किया। मैं कांग्रेस छोड़ दूंगा। उन्‍होंने कहा कि अब अपमान सहन नहीं होता है। इसके साथ ही उन्‍होंने अभी भाजपा सहित किसी भी पार्टी में शामिल होने से इंकार किया। उन्‍होंने साफ किया कि वह भाजपा में नहीं जा रहे हैं। सीमावर्ती राज्य पंजाब के पूर्व सीएम सिं‍ह के इस बयान के बाद उनका कांग्रेस छोड़ना तय हो गया है। इससे पहले कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की आज (बृहस्‍पतिवार) दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से उनके आवास पर मुलाकात हुई। दोनों के बीच बातचीत का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं हुआ है।

नई दिल्ली: कांग्रेस पर अपमानित करने का आरोप लगाकर पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले अमरिंदर सिंह ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक घंटे की बैठक की। कैप्टन और शाह की मुलाकात के बाद कयासों का बाजार गरम था कि अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। शाह से मुलाकात के बाद कैप्टन ने कहा कि उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री से बात की।

हैशटैग #नोफार्मरनोफूड़ के साथ अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, "दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से मुलाकात हुई। कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा की और उनसे कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी के साथ-साथ पंजाब को समर्थन देने के साथ संकट को तत्काल हल करने का आग्रह किया।"

बैठक के बाद काफी ड्रामा हुआ, कई रिपोर्टों में कहा गया कि अमरिंदर सिंह, शाह के साथ प्रधानमंत्री से मिलने के लिए निकले थे। लेकिन ऐसी सभी रिपोर्ट गलत पाई गईं।

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